राजिम। गरियाबंद जिले के राजिम में जालसाजी कर कुछ लोग स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम रामबिसाल पाण्डे स्कूल में एडमिशन का फर्जी जाल रचकर स्कूल को बदनाम करने में लगे हुवे है, लेकिन आईबीसी 24 के संवाददाता के पास आये बंद लिफाफे ने इस जालसाज़ी का फर्दाफाश कर दिया है। दरअसल, स्कूल में पांच बच्चों का फर्जी अंकसूची और ट्रान्सफर सर्टिफिकेट बना कर एडमिशन किया गया है, जो पिछले एक साल से पढ़ रहे हैं। इस मामले में स्कूल में पढ़ रहे बच्चे के एक पालक नीलम साहू का नाम सामने आया है।
बच्चों का एडमिशन के लिए आरंग के एक निजी स्कूल का नाम उपयोग कर घर में बैठकर फर्जी अंकसूची और टीसी बनाया गया, जबकि उस स्कूल से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है ना ही बच्चे कभी वहां पढ़े है और न ही वह सर्टिफिकेट उस स्कूल का है। चौकाने वाली बात यह है कि इस मामले में पालकों ने बताया कि इसकी जानकारी अक्टूबर माह में प्राचार्य संजय एक्का को थी पर उन्होंने कोई कार्यवाही नहीं की, बात मीडिया में आने के बाद आनन-फानन में कार्यवाही की बात कह कर जांच समिति गठित किया गया है।
इस जालसाजी की खबर मिलते ही जिला शिक्षा अधिकारी डी. एस. चौहान ने हल्के भाषा मे कार्यवाही करने की बात कही है। कुछ लोग आत्मानंद को बदनाम कर जालसाजी रची थी पर बंद लिफाफा ने जालसाजी का भांडा फोड़कर रख दिया है। आखिरकार पालकों की गलती का खामियाजा बच्चे क्यों भुगते और बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले जिम्मेदार कौन है। आखिरकार बच्चों के भविष्य का क्या होगा जो अब पिछली कक्षा उत्तीर्ण कर अगली कक्षा में आ चुके है व स्कूल खुलने का इंतजार कर रहे है। IBC24 नीरज कुमार शर्मा की रिपोर्ट
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