Gariaband News : जंगली बिल्ली की खाल लेकर ग्राहक की तलाश कर रहे थे तस्कर, तभी लग गई पुलिस को भनक, दो को किया गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में पुलिस ने जंगली बिल्ली की खाल की तस्करी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। खाल तांत्रिक क्रियाओं, महिलाओं के कोट और सौंदर्य प्रसाधन में उपयोग की जाती थी। आरोपियों के खिलाफ वन अधिनियम 1972 के तहत कार्रवाई की जा रही है।

  •  
  • Publish Date - November 4, 2025 / 08:23 PM IST,
    Updated On - November 4, 2025 / 08:28 PM IST
HIGHLIGHTS
  • गरियाबंद में जंगली बिल्ली की खाल की तस्करी का खुलासा।
  • दो आरोपियों को टुईयामुडा गहंदर क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया।
  • खाल का उपयोग तांत्रिक क्रियाओं और सौंदर्य प्रसाधन में होता था।

गरियाबंद :  छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। पांडुका पुलिस ने जंगली बिल्ली की खाल की तस्करी करने वाले दो आरोपियों को धर-दबोचा है। टुईयामुडा गहंदर क्षेत्र में दोनों आरोपियों को जंगली बिल्ली की खाल के साथ गिरफ्तार किया गया। दोनों आरोपी टुईयामुडा में खाल खरीदने के लिए गए थे।

Gariyaband News जानकारी के अनुसार रायपुर जिले के आरंग क्षेत्र के लाखोंली गांव के रहने वाले एक ही नाम के दो व्यक्ति अपने पास जंगली बिल्ली की खाल रखे हुए थे। दोनों इसे बेचना चाहते थे। इसके लिए दोनों पांडुका के टुईयामुडा गहंदर के क्षेत्र के एक व्यक्ति
गए थे। दोनों का एक तरह का ही नाम राकेश सांवरा था। इसी दौरान किसी ने पुलिस और वन विभाग को खबर कर दी। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और दोनों को गिरफ्तार कर लिया। दोनों के कब्जे से बिल्ली की खाल बरामद हुई है।

तांत्रिक क्रिया में होता है उपयोग

Gariyaband News बता दें कि जंगली बिल्ली की यह खाल तांत्रिक क्रियाओं, महिलाओं के कोट और सौंदर्य प्रसाधन के लिए उपयोग की जाती है। फिलहाल दोनों आरोपियों के खिलाफ वन अधिनियम 1972 के तहत कार्रवाई की जा रही है। फिलहाल, पुलिस आगे की जांच करते हुए यह पता लगाने में जुटी है कि इन खालों की खरीद-बिक्री में और कौन लोग शामिल हैं।

इन्हें भी पढ़े:-

आरोपियों को कहाँ से गिरफ्तार किया गया?

दोनों आरोपियों को पांडुका के टुईयामुडा गहंदर क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया।

खाल का उपयोग किस लिए किया जाता है?

जंगली बिल्ली की खाल तांत्रिक क्रियाओं, महिलाओं के कोट और सौंदर्य प्रसाधन के लिए उपयोग होती है।

आरोपियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है?

दोनों आरोपियों के खिलाफ वन अधिनियम 1972 के तहत मामला दर्ज किया गया है और पुलिस आगे की जांच कर रही है