रायपुरः CG Naxal News : राज्य में डबल इंजन सरकार ने 2026 में देश-प्रदेश को नक्सलवाद से मुक्त करने का संकल्प लिया है। 2025 में सुरक्षा बलों के ताबड़तोड़ संयुक्त एक्शन ने नक्सल लीडर्स समेत उनके गढ़ साफ हो गए। लगातार झटकों से टूटे नक्सलियों ने अब बल्क में सरेंडर करना शुरू कर दिया है। दंतेवाड़ा में बुधवार को पहली बार 71 नक्सलियों ने एक साथ एसपी गौरव रॉय के सामने आत्मसमर्पण किया। इस ताताद में सरेंडर पहली बार हुआ, लेकिन अब विपक्ष का सरकार से सवाल है कि क्या वो सभी वाकई नक्सली हैं ? सरकार ने भी इसे कांग्रेस की पुरानी आदत बताते हुए पूछा है कि शंका करने की कोई ठोस वजह है ?
नक्सलियों के एनकाउंटर के बाद अब विपक्ष ने नक्सिलयों के सरेंडर पर भी सवाल उठा दिए हैं। बुधवार को लोन वर्राटू अभियान के तहत 71 नक्सलियों के सरेंडर पर कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने आधे से ज्यादा बेगुनाहों को नक्सली बता कर सरेंडर करवाया है। कांग्रेस ने प्रदेश सरकार से सरेंडर किये नक्सलियों के प्रोफाइल सार्वजनिक करने की मांग की है। कांग्रेस ने पूछा कि सरकार बताए कि सरेंडर नक्सली कौन-कौन सी घटना में कब-कब शामिल रहे और उन पर कितने का इनाम था। इधर, विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि बीते 19 माह से लगातार ऑपरेशन जारी है..जिसमें लगातार नक्सली मारे गए। साथ ही सरकार की बेहतर पुनर्वास नीति के वजह से सरेंडर में भी तेजी लाई है। बीजेपी नेताओं ने कहा कि नक्सलियों के सफाए से कांग्रेसियों को हमेशा तकलीफ रही है।
पॉलिटिकल ब्लेम गेम एक तरफ लेकिन सच ये है कि दंतेवाड़ा में इससे पहले कभी इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों का एक साथ सरेंडर नहीं हुआ है। बुधवार को 71 नक्सलियों ने सरेंडर किया…जिनमें से 30 नक्सलियों पर कुल 64 लाख रुपये का इनाम था..इनमें 50 पुरुष और 21 महिला नक्सली हैं, जिनमें से कुछ महिला नक्सलियों ने दुधमुँहे बच्चों के साथ सरेंडर किया है। सरेंडर करने वालों में बामन मड़काम पर 8 लाख रुपए का इनाम है तो वहीं 4 नक्सलियों पर 5-5 लाख का इनाम है तो अन्य नक्सलियों पर 2 लाख , 1 लाख और 50-50 हज़ार रुपये के इनाम घोषित है। हैरानी की बात ये कि कांग्रेस नक्सल एनकाउंटर के बाद अब सरेंडर पर भी शंका जता रही है। सवाल ये है कि क्या इसके लिए उसके पास कोई ठोस आधार, कोई सुबूत हैं।