इफ्तार पार्टी…दंगा पर बयान, हे हनुमान! फिर घमासान! क्या राजनीति का जरिया बन गए धार्मिक आयोजन?

इफ्तार पार्टी...दंगा पर बयान, हे हनुमान! फिर घमासान! क्या राजनीति का जरिया बन गए धार्मिक आयोजन? Have religious events become a means of politics?

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  • Publish Date - April 6, 2023 / 10:23 PM IST,
    Updated On - April 6, 2023 / 10:23 PM IST

भोपाल। चुनावी साल होने की वजह से मध्यप्रदेश में हर तीज त्योहार पर राजनीतिक रंग चढ़ने लगा है। हनुमान जन्मोत्सव पर कांग्रेस दफ्तर में सुंदरकांड पाठ का आयोजन हुआ। वहीं बीते दिनों पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ रोजा इफ्तार पार्टी में शामिल हुए, जहां उन्होंने रोजेदारों से बात करते हुए बीजेपी पर दंगा फसाद करवाने का आरोप लगा दिया। उनके इस बयान पर पर प्रदेश का सियासी पारा चढ़ गया है।

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मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के इस बयान पर नया सियासी बखेड़ा शुरू हो गया है। दरअसल, कमलनाथ और नकुलनाथ बुधवार को छिंदवाड़ा में रोजा इफ्तार पार्टी में शामिल हुए.. इस दौरान उन्होंने कहा कि बीजेपी पूरे देश में दंगा फसाद करवा रही है। कमलनाथ के इस बयान पर बीजेपी की त्यौरियां चढ़ गई। BJP नेताओं ने कहा कि कमलनाथ एक तरफ हनुमान भक्त होने का दावा करते हैं और दूसरी ओर रोजा इफ्तार में जाकर जहर उगलते हैं।

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चुनावी साल में मध्यप्रदेश के धार्मिक आयोजनों में भी राजनीतिक रंग दिख रहे हैं। रोजा इफ्तार हो या हनुमान जन्मोत्सव ऐसे कार्यक्रम नेताओं के लिए बड़े वोट बैंक से जुड़ने का मुफिद जरिया बन जाते हैं। खास कर बात जब अल्पसंख्यकों और हिंदुत्व की हो तो पार्टियों की खींचतान चरम पर पहुंच जाती है। कांग्रेस परंपरागत मुस्लिम वोटरों को जोड़े रखने के साथ सॉफ्ट हिंदुवादी इमेज बनाने की कोशिश में है तो दूसरी ओर BJP के लिए हिंदुत्व का एजेंडा हमेशा से फायदेमंद रहा है। BJP कई मौकों पर ये जता भी चुकी है। हनुमान तेहि परसा कर पुनि कीन्ह प्रनाम। राम काजु कीन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम ।।

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