पुलिस के बारे में लोगों की धारणा बदलने के लिए पेशेवर दक्षता बढ़ाएं: प्रधानमंत्री मोदी

पुलिस के बारे में लोगों की धारणा बदलने के लिए पेशेवर दक्षता बढ़ाएं: प्रधानमंत्री मोदी

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  • Publish Date - November 30, 2025 / 10:36 PM IST,
    Updated On - November 30, 2025 / 10:36 PM IST

रायपुर, 30 नवंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को ‘विजन 2047’ के लिए ‘पुलिसिंग की दीर्घकालिक कार्ययोजना’ का अनावरण किया। इस मौके पर उन्होंने देश के शीर्ष पुलिस अधिकारियों से पेशेवर दक्षता, संवेदनशीलता और तत्परता बढ़ाने का आह्वान किया, ताकि लोगों के बीच पुलिस की छवि में सुधार हो सके और ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य हासिल किए जा सकें।

यहां पुलिस महानिदेशकों/महानिरीक्षकों के 60वें अखिल भारतीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने पुलिस प्रमुखों से आह्वान किया कि वे विकसित भारत बनने की राह पर अग्रसर विकासशील राष्ट्र की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए अपनी पुलिसिंग शैली में बदलाव लाएं।

सम्मेलन का मुख्य विषय ‘विकसित भारत : सुरक्षा आयाम’ था।

प्रधानमंत्री ने पुलिस और अर्धसैनिक बलों के शीर्ष अधिकारियों की बैठक में कहा कि पुलिस के बारे में जनता की धारणा को बदलने की तत्काल आवश्यकता है, खासकर युवाओं के बीच, और इसके लिए पेशेवर दक्षता, संवेदनशीलता तथा जवाबदेही को बढ़ाया जाना चाहिए।

इस सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन सहित अन्य लोग शामिल हुए।

सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक, साथ ही केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुखों ने सम्मेलन में प्रत्यक्ष रूप से हिस्सा लिया, जबकि देशभर से विभिन्न रैंक के 700 से अधिक अधिकारी डिजिटल माध्यम से इसमें शामिल हुए।

मोदी ने शहरी पुलिसिंग को मजबूत करने, पर्यटक पुलिस इकाइयों को पुनर्जीवित करने और औपनिवेशिक युग के आपराधिक कानूनों की जगह लेने वाली नव-अधिनियमित भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने की जरूरत को रेखांकित किया।

मोदी ने कई महत्वपूर्ण निर्देश भी जारी किए, जिनमें तटीय और आंतरिक सुरक्षा से निपटने में सामूहिक दृष्टिकोण, नयी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल, न्यायिक सुधारों के बारे में जागरूकता और मादक पदार्थों के दुरुपयोग का मुकाबला करने पर जोर दिया गया।

‘एक्स’ पर पोस्ट किए गए संदेश में प्रधानमंत्री ने सम्मेलन को “अत्यंत उत्पादक” बताया।

उन्होंने लिखा, “इस वर्ष का डीजीपी/आईजीपी सम्मेलन अत्यंत उत्पादक रहा। हम सभी ने ‘विकसित भारत : सुरक्षा आयाम’ विषय के अनुरूप विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। जहां तक पुलिस बलों का संबंध है, पेशवर दक्षता, संवेदनशीलता और जवाबदेही पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर बल दिया।”

सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि अपने संबोधन के दौरान मोदी ने प्रतिबंधित संगठनों की नियमित निगरानी के महत्व पर जोर दिया, ताकि हाल ही में वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) से मुक्त हुए क्षेत्रों का समग्र विकास सुनिश्चित किया जा सके।

सरकार अगले साल मार्च के अंत तक भारत को वामपंथी उग्रवाद से मुक्त करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। पिछले कुछ हफ्तों में, वामपंथी उग्रवाद के कई शीर्ष नेता या तो मुठभेड़ में मारे गए हैं या उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मादक पदार्थों के दुरुपयोग से निपटने के लिए एक समग्र सरकारी दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जिसमें प्रवर्तन, पुनर्वास और सामुदायिक स्तर पर हस्तक्षेप को एकीकृत किया जाए।

सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े विभिन्न मामलों पर गहन विचार-विमर्श हुआ।

बयान में कहा गया कि ‘विजन 2047’ के लिए पुलिसिंग की दीर्घकालिक कार्ययोजना, आतंकवाद और कट्टरपंथ के खिलाफ उभरते रुझान, महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने पर चर्चा हुई। तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान विदेश में रह रहे भारतीय भगोड़ों को वापस लाने की रणनीति और प्रभावी जांच तथा अभियोजन सुनिश्चित करने के लिए फॉरेंसिक क्षमताओं को मजबूत करने पर भी चर्चा हुई।

मोदी ने राज्य और केंद्र-शासित प्रदेशों के पुलिस बल से कहा कि वे सुनसान द्वीपों को जोड़ने के लिए नयी रणनीति अपनाएं, नेटग्रिड के तहत जुड़े आंकड़ों का ज्यादा असरदार इस्तेमाल करें और कार्रवाई लायक जानकारी जुटाने के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) का इस्तेमाल करें।

प्रधानमंत्री ने विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों को पुलिस जांच में फॉरेंसिक के उपयोग पर ‘केस स्टडी’ करने के लिए प्रोत्साहित करने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक तकनीकों का व्यापक इस्तेमाल आपराधिक न्याय प्रणाली को उल्लेखनीय रूप से मजबूत बना सकता है।

प्राकृतिक आपदाओं के दौरान मजबूत तैयारी और समन्वय की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए मोदी ने पुलिस प्रमुखों से चक्रवात, बाढ़ और अन्य आपात स्थितियों, जिनमें चक्रवात ‘दित्वा’ का वर्तमान प्रभाव भी शामिल है, से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन तंत्र को सुदृढ़ करने को कहा।

मोदी ने सम्मेलन में आसूचना ब्यूरो के अधिकारियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक वितरित किए।

उन्होंने शहरी पुलिस व्यवस्था में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले तीन शहरों को पुरस्कार भी प्रदान किए। यह सम्मान शहरी पुलिस व्यवस्था में नवाचार और सुधार को प्रोत्साहित करने के लिए दिया गया।

भाषा

प्रशांत पारुल

पारुल