कोहिमा, 30 नवंबर (भाषा) नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने केंद्र सरकार से राज्य से संरक्षित क्षेत्र परमिट (पीएपी) व्यवस्था हटाए जाने की अपील दोहराते हुए रविवार को कहा कि नगालैंड के साथ जमीनी हकीकत के आधार पर अलग व्यवहार किया जाना चाहिए।
रियो ने यहां इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित ‘नगालैंड यूनाइटेड: ए गैदरिंग ऑफ फेथ, होप एंड रिवाइवल’ कार्यक्रम में कहा कि ईसाई प्रचारक फ्रैंकलिन ग्राहम सहित विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि पीएपी मंजूरी समय पर जारी नहीं की जाती है।
ग्राहम को इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में शामिल होना था। उन्हें सोमवार से शुरू होने वाले 10 दिवसीय ‘हॉर्नबिल’ महोत्सव के उद्घाटन सत्र में भी हिस्सा लेना था, लेकिन यात्रा संबंधी दस्तावेज और मंजूरी मिलने में देरी के कारण वह कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके।
पीएपी एक यात्रा दस्तावेज है, जो विदेशियों को देश के कुछ संवेदनशील क्षेत्रों में जाने के लिए आवश्यक होता है।
मुख्यमंत्री रियो ने 18 और 28 नवंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर विदेशी पर्यटकों को वीजा मंजूरी जल्द दिए जाने का अनुरोध किया था। उन्होंने आग्रह किया था कि नगालैंड के लिए पीएपी व्यवस्था को स्थायी रूप से हटा दिया जाए। इस व्यवस्था को पिछले साल दिसंबर से फिर से लागू किया गया था।
रियो ने कहा कि केंद्र ने हॉर्नबिल महोत्सव के आयोजन के लिए एक से 10 दिसंबर तक नगालैंड के लिए पीएपी की अनिवार्यता में ढील दी है, लेकिन यह अस्थायी कदम ‘‘बड़े मुद्दे को हल नहीं करता।’’
भाषा सिम्मी पारुल
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