शह मात The Big Debate: फंड के बहाने वार..खाद, कमी कौन जिम्मेदार? क्या एनडीए काल में ज्यादा राशि मिलने की बात सही है? देखिए पूरी रिपोर्ट

Chhattisgarh News: फंड के बहाने वार..खाद, कमी कौन जिम्मेदार? क्या एनडीए काल में ज्यादा राशि मिलने की बात सही है? देखिए पूरी रिपोर्ट

शह मात The Big Debate: फंड के बहाने वार..खाद, कमी कौन जिम्मेदार? क्या एनडीए काल में ज्यादा राशि मिलने की बात सही है? देखिए पूरी रिपोर्ट

Chhattisgarh News | Photo Credit: IBC24

Modified Date: July 4, 2025 / 12:14 am IST
Published Date: July 4, 2025 12:14 am IST
HIGHLIGHTS
  • बीजेपी का दावा
  • कांग्रेस ने इस दावे को खारिज कर कहा
  • फंड के बावजूद विकास नजर नहीं आता

रायपुर: Chhattisgarh News केंद्र में बैठी किस सरकार ने छत्तीसगढ़ को क्या दिया? बीजेपी का दावा है कि, केंद्र से छग को NDA काल में ज्यादा ज्यादा फंड मिला, तो विपक्ष ने खाद के बहाने डबल इंजन की सरकार को घेरा…जवाब में बीजेपी ने भी आंकड़े सामने रख दिए। जाहिर है, एक-दूसरे पर झूठ बोलने के आरोपों पर असल मुद्दा थोड़ा पीछे छूटता दिख रहा है।

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Chhattisgarh News तो अब पक्ष-विपक्ष में बहस इस बात पर छिड़ी है कि केंद्र में किसकी सरकार के रहते छत्तीसगढ़ को ज्यादा फंड मिला। NDA या UPA? डबल इंजन सरकार के विकास पर सवाल उठाये जाने पर बीजेपी ने दावा किया कि, मोदी शासनकाल के 10 साल में जितना फंड मिला, उतना कभी भी केंद्र में कांग्रेस नीत UPA गठबंधन सरकार के दौान नहीं मिला। बीजेपी के दावे को झुठलाते हुए पिछली कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे शिव डहरिया ने कहा कि बीजेपी झूठ बोल रही है, तंज कसा कि आज तो फंड की कमी के चलते सैनिकों को तनख्वाह भी नहीं दी जा पा रही। पलटवार में कैबिनेट मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा कि बीते 10 साल में मोदी सरकार ने इतना पैसा दिया कि कांग्रेस उपयोग नहीं कर पाई। जिससे नाराज होकर एक मंत्री ने अपने विभाग से इस्तीफा तक तकदे दिया था।

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आरोपों से, वित्त विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, छत्तीसगढ़ के अब तक के 25 साल के सफर में डॉ मनमोहन सरकार की तुलना में पिछले 10 की मोदी सरकार के कार्यकाल में, प्रदेश को 5 गुना ज्यादा फंड दिया गया। UPA सरकार के 10 साल में प्रदेश को 84 हजार करोड़ रुपये मिले तो, 2014 से अब मोदी 3.0 सरकार के 11 सालों के दौरान प्रदेश को 4 लाख 54 हजार करोड़ का फंड मिला UPA की तुलना में NDA सरकार में केंद्रीय करों में प्रदेश की हिस्सेदारी 4.5 गुना बढ़ी है, हर क्षेत्र में ग्रांट भी बढ़ी है।

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वैसे ये बहस नई नहीं है कि कुल मिलाकर केंद्र में बैठी सरकारों ने प्रदेश को क्या दिया, पिछली भूपेश सरकार ने अपने 5 साल के कार्यकाल में कई बार केंद्र सरकार पर प्रदेश के साथ सौतेले बर्ताव का आरोप लगाया था। राज्य की विभिन्न मांगों के संदर्भ में, केंद्र सरकार को, PM को कई बार पत्र लिखे गए। हर बार ये बहस छिड़ी कि क्या भेदभाव हो रहा है या सियासत अब एक बार फिर आंकड़े सामने हैं, सवाल ये भी है कि क्या प्रदेश को मिले फंड पर सियासत जरूरी है, क्या ये ज्यादा जरूरी नहीं है कि इन फंड्स का कहां और कैसे इस्तेमाल किया जाए इस पर बहस हो?


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

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IBC24 डिजिटल में कंटेंट राइटर के रूप में कार्यरत हूं, जहां मेरी जिम्मेदारी मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की राजनीति सहित प्रमुख विषयों की खबरों की कवरेज और प्रस्तुति है। वर्ष 2016 से डिजिटल पत्रकारिता में सक्रिय हूं और अब तक 8 वर्षों का अनुभव प्राप्त किया है। विभिन्न प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य करते हुए न्यूज़ राइटिंग और डिजिटल टूल्स में दक्षता हासिल की है। मेरे लिए पत्रकारिता सिर्फ पेशा नहीं, बल्कि जिम्मेदारी है—सटीक, तेज और असरदार जानकारी पाठकों तक पहुंचाना मेरा लक्ष्य है। बदलते डिजिटल दौर में खुद को लगातार अपडेट कर, कंटेंट की गुणवत्ता बेहतर करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।