CG Ki Baat | Photo Credit: IBC24
रायपुर: CG Ki Baat ऑपरेशन सिंदूर सेना के शौर्य और राष्ट्र के संकल्प की सजीव अभिव्यक्ति थी, लेकिन सीजफायर के बाद देश के अंदर जो हो रहा है। क्या वो राष्ट्रवादी राजनीति है। ये सवाल उठने लगा है। खासकर पीएम मोदी के हाल के दिनों में आ रहे बयानों के बाद जिसमें वो ऑपरेशन सिंदूर को कोट कर रहे हैं और स्पाइसी लैंग्वेज में दुश्मन को ललकार भी रहे हैं। जाहिर है मॉस को खुश करने वाली ये नीति तालियां दिलाती हैं। पर क्या सियासत सने भाषण अवसरवादी पॉलिटिक्स जैसा नहीं साउंड कर रहा है। ये प्रश्न है जो विपक्ष उठा रहा है और लोगों के जेहन में भी कौंध रहा है। कल तक बीजेपी विपक्ष पर राष्ट्रहित के विरुद्ध राजनीति का आरोप लगाती रही। पर क्या वो खुद शौर्य की सियासत नहीं कर रही। आज इस मुद्दे पर खुलकर बहस होगी।
CG Ki Baat ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद, भारत-पाकिस्तान में हुए युद्धविराम के बाद से देश के भीतर सरकार और विपक्ष के बीच का फुल सपोर्ट वाला सीजफायर खत्म हो गया लगता है। पहले राष्ट्र के नाम संबोधन और अब PM के देश में राज्यों के दौरे के दौरान जहां भी मोदी जा रहे हैं वो पाकिस्तान को लताड़ने के साथ-साथ अपने विरोधियों खासकर कांग्रेस को भी करारे जवाब दे रहे हैं। सोमवार-मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के गुजरात दौरे पर रहे, जहां 4 अलग-अलग शहरों दाहोद, भुज, अहमदाबाद, गांधीनगर में मोदी ने पाकिस्तान पर तो वार किया ही साथ ही सुबूत मांगने वाले विपक्ष पर भी करारा प्रहार किया। कहा कि इस बार सुबूत मांगने वाले विरोधियों की बोलती बंद है।
इधर, कांग्रेस ने 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले में शामिल आतंकियों के ना पकड़े जाने पर सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेडा़ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर PM मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्रीजी तो इन दिनों हिंदी फिल्मों के विलेन्स की तरह डायलॉग पर डायलॉग मार रहे हैं। कांग्रस ने सरकार से पूछा कि PM बताएं पाकिस्तान से किन शर्तों पर सीजफायर समझौता हुआ।
जाहिर है मुद्दा भारत-पाकिस्तान का है , मोदी-राहुल से जुड़ा है तो इसपर तीखे रिएक्शन्स छत्तसीगढ़ से भी आए। तो विपक्ष का सीधा आरोप है कि प्रधानंमंत्री ट्रंप को दो टूक जवाब देने और असल सवालों का जवाब देने के बजाय, बॉलीवुड विलेन्स की तरह डायलॉग मार रहे हैं। बीजेपी की मंशा ऑपरेशन सिंदूर का क्रेडिट लेने की है। दूसरी तरफ बीजेपी कहती है कि पाकिस्तान के खिलाफ किसी भी ऑपरेशन्स की कामयाबी पर, सेना से सुबूत मांगने का कांग्रेस का इतिहास है। यहां सबसे बड़ा सवाल ये है कि देश की सेना के शौर्य से जुड़े ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर सियासी रंग पाने की कोशिश कौन कर रहा है?