जशपुर के जंगलों में जमीन पर पड़ी रहती है ये बेशकीमती चीज, बेचकर लखपति बन जाते हैं ग्रामीण

Farmers harvesting valuable Chironji seeds: जशपुर के जंगलों में बेशकीमती चिरौंजी बाजार में 300 से शुरु होकर 400 रुपए किलो तक बिक रहा है। दाम ज्यादा मिलने से जंगल में चिरौंजी तोड़ने ग्रामीण बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। जशपुर जिले में किसान लोकल व्यापारियों को बेच देते हैं।

जशपुर के जंगलों में जमीन पर पड़ी रहती है ये बेशकीमती चीज, बेचकर लखपति बन जाते हैं ग्रामीण

Farmers harvesting valuable Chironji seeds

Modified Date: May 11, 2024 / 06:36 pm IST
Published Date: May 11, 2024 6:32 pm IST

Farmers harvesting valuable Chironji seeds: जशपुर। जशपुर जिले के जंगलों में किसान इन दिनों बेशकीमती चिरौंजी (चार) के बीज की तुड़ाई कर रहे हैं। बेशकीमती चिरौंजी बेचकर लाखों रुपए कमा रहे हैं। ये महज डेढ़ महीने तक ही चिरोंची पेड़ में रहता है। मई के अंतिम महीने तक पेड़ में फल लगा रहता है। इसके बाद इसका फल झड़ कर खत्म हो जाता है। इन डेढ़ महीनों में किसान पेड़ पर लगी चिरौंजी तोड़कर अपनी आमदनी का प्रमुख जरिया बना चुके हैं। अंदरुनी व पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले गरीब परिवार के लिए आय का बेहतर साधन बन गया है। इससे लोगों की आर्थिक स्थिति सुधरने लगी है।

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400 रुपए किलो तक बिक रहा चिरौंजी

दरअसल, जशपुर के जंगलों में बेशकीमती चिरौंजी बाजार में 300 से शुरु होकर 400 रुपए किलो तक बिक रहा है। दाम ज्यादा मिलने से जंगल में चिरौंजी तोड़ने ग्रामीण बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। जशपुर जिले में किसान लोकल व्यापारियों को बेच देते हैं। जो बिलासपुर, कटघोरा, रायपुर में जाता है। यहां बीज को तोड़ने के बाद चिरौंजी दाना निकालने के बाद बड़े व्यापारी दूसरे शहरों में महंगे दामों में बेच देते हैं।

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इसके पौधे तैयार होने में करीब 5 साल लग जाते हैं। इस साल जनवरी महीने में बेमौसम बारिश व ओलावृिट के कारण इनके फूल झड़ गए। इससे उत्पादन में कमी आई है। एक पेड़ में 10 किलो तक बीज निकलता है। स्थानीय निवासी रामप्रकाश पांडेय ने बताया कि 25 किलो का पैकट बनाकर बेचते हैं। इसकी सबसे ज्यादा कानपुर, बैंगलोर, नागपुर में डिमांड रहता है। पिछले साल व्यवसायी ने 15सौ -25सौ रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक्री किए थे। 25 किलो का पैकट बनाकर बेचते हैं।

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चिरौंजी स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक

रायगढ़, बिलासपुर, अंबिकापुर के व्यापारी किसानों के गांव चिरौंजी खरीदने पहुंचते हैं। 300-400 रुपए किलो में खरीदकर उसे 2500 रुपए तक बेचते हैं। गांव के किसान चिंरौंजी बेचकर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करते हैं । चिरौंजी स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक है साथ ही इसके पाउण्डर से मिठाई बिस्कुट सहित अन्य चीज बनाई जाती हैं।

बता दें कि, जशपुर जिले के चिरौंजी के बीज का दूसरे राज्यों व शहरों में सबसे ज्यादा डिमांड है। इनके बीज उड़ीसा, कानपुर, बैंगलोर, कलकत्ता, नागपुर, दिल्ली, जयपुर जैसे शहरों में अधिक जाता है। इन शहरों में चिरौंजी के बीज 35सौ से 4 हजार रुपए तक बिकता है। इसे मशीन में अच्छी तरह से सफाई कर उत्पाद तैयार किया जाता है। बीज महंगा होने के कारण न केवल जशपुर बल्कि बस्तर से भी इनके बीज का उत्पादन किया जाता है।

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लघु वनाेपज जशपुर जिला उपसंचालक एम जी लहरे ने बताया कि विभाग के द्वारा हमें 2000 का टारगेट दिया गया है और इसमें हमने टारगेट पूरा करने के लिए प्रचार प्रसार दीवार लेखन प्रबंधकों के माध्यम से किया है । इसमें तीन प्रकार का ग्रेड बनाया गया है ।जल्द ही किसानों से इसकी खरीदी की जाएगी, उन्होंने किसानों से बिचौलियों नहीं बल्कि शासन को बेचने के अपील की है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com