Chhattisgarh Pushpa Varsha: सीएम साय ने हेलीकॉप्टर से बरसाए कांवड़ियों पर फूल.. भोरमदेव में किये महादेव के दर्शन, देखें तस्वीरों में

सावन मास में भगवान शिव-देवों के देव-के जलाभिषेक की परंपरा सदियों से चली आ रही है। कवर्धा से 18 किलोमीटर दूर ग्राम चौरा में स्थित 11वीं शताब्दी का यह भोरमदेव मंदिर ऐतिहासिक, धार्मिक और पुरातात्विक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल है।

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  • Publish Date - July 28, 2025 / 03:21 PM IST,
    Updated On - July 28, 2025 / 03:21 PM IST

Chhattisgarh Pushpa Varsha on Kanwar Yatra || Image- CG DPR Files

HIGHLIGHTS
  • सीएम विष्णु साय ने हेलीकॉप्टर से की पुष्पवर्षा।
  • भोरमदेव मंदिर में हजारों कांवड़ियों का भव्य स्वागत।
  • 146 करोड़ की भोरमदेव कॉरिडोर परियोजना को मंजूरी।

Chhattisgarh Pushpa Varsha on Kanwar Yatra: रायपुर: सावन मास के तीसरे सोमवार को छत्तीसगढ़ के प्राचीन, धार्मिक, ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व के तीर्थ स्थल बाबा भोरमदेव मंदिर में भक्ति और श्रद्धा की गूंज उस समय चरम पर पहुँच गई जब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हजारों कांवड़ियों और शिवभक्तों पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा कर भव्य स्वागत और अभिनंदन किया। इस शुभ अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री द्वय विजय शर्मा और अरुण साव उपस्थित थे।

हेलीकॉप्टर से बरसायें गए फूल

यह लगातार दूसरा वर्ष है जब मुख्यमंत्री स्वयं श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए पुष्पवर्षा कर रहे हैं। पुष्पवर्षा के पश्चात् मुख्यमंत्री साय ने बाबा भोरमदेव मंदिर पहुंचकर मंत्रोच्चारण, विशेष पूजा-अर्चना और रुद्राभिषेक किया तथा प्रदेश की समृद्धि, शांति और खुशहाली की कामना की।

सीएम महादेव के दर्शन

मुख्यमंत्री साय ने मंदिर परिसर में उपस्थित कांवड़ियों एवं श्रद्धालुओं से भेंट कर उनका हालचाल जाना और पूरे आत्मीय भाव से अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सावन मास के तीसरे सोमवार को बाबा भोरमदेव की पावन धरती पर शिवभक्तों के साथ जुड़ना मेरे लिए अत्यंत सौभाग्य और गर्व का विषय है। हजारों श्रद्धालु सैकड़ों किलोमीटर की पदयात्रा कर भगवान भोलेनाथ के दर्शन हेतु यहां पहुंचे हैं- यह हमारी आस्था, परंपरा और सांस्कृतिक विरासत की जीवंत मिसाल है।

विधायक भावना बोहरा का सम्मान

Chhattisgarh Pushpa Varsha on Kanwar Yatra: इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने अमरकंटक से 151 किलोमीटर पदयात्रा कर भोरमदेव मंदिर में जलाभिषेक करने वाली पंडरिया विधायक भावना बोहरा को भगवा वस्त्र और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया।

146 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी परियोजना को मंजूरी

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के अंतर्गत भोरमदेव कॉरिडोर विकास के लिए 146 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी परियोजना को मंजूरी दी गई है। यह परियोजना न केवल मंदिर परिसर का कायाकल्प करेगी, बल्कि मड़वा महल, छेरकी महल, रामचुवा से लेकर सरोदा जलाशय तक एक समग्र धार्मिक-पर्यटन कॉरिडोर के रूप में विकसित की जाएगी।

उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ से अमरकंटक जाने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मध्यप्रदेश के अनूपपुर में 5 एकड़ भूमि आबंटन की प्रक्रिया जारी है, जहाँ एक भव्य श्रद्धालु भवन का निर्माण प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री ने सभी श्रद्धालुओं को सावन मास की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज हेलीकॉप्टर से की गई पुष्पवर्षा इस पुण्य अवसर की महत्ता को और भी अभूतपूर्व बना गई है।

पौराणिक परंपरा का गौरव: भक्ति से सराबोर हुआ बाबा भोरमदेव परिसर

Chhattisgarh Pushpa Varsha on Kanwar Yatra: सावन मास में भगवान शिव-देवों के देव-के जलाभिषेक की परंपरा सदियों से चली आ रही है। कवर्धा से 18 किलोमीटर दूर ग्राम चौरा में स्थित 11वीं शताब्दी का यह भोरमदेव मंदिर ऐतिहासिक, धार्मिक और पुरातात्विक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल है। श्रावण मास में छत्तीसगढ़ के कबीरधाम, मुंगेली, बेमेतरा, खैरागढ़, राजनांदगांव सहित मध्यप्रदेश के अमरकंटक से हजारों श्रद्धालु पदयात्रा कर बाबा भोरमदेव, बूढ़ा महादेव और डोंगरिया के प्राचीन जलेश्वर शिवलिंग में जलाभिषेक करने आते हैं। श्रद्धालु माँ नर्मदा से जल भरकर नंगे पाँव और भगवा वस्त्रों में 150 किलोमीटर से अधिक की दुर्गम यात्रा कर “बोल बम” के जयघोष और भजनों के साथ भोरमदेव, जलेश्वर महादेव और पंचमुखी बूढ़ा महादेव मंदिर पहुँचते हैं।

प्रश्न 1: छत्तीसगढ़ में कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा किसने की?

उत्तर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने खुद हेलीकॉप्टर से कांवड़ियों और शिवभक्तों पर पुष्पवर्षा की।

प्रश्न 2: भोरमदेव मंदिर की विशेषता क्या है?

उत्तर: भोरमदेव मंदिर 11वीं शताब्दी का ऐतिहासिक, धार्मिक और पुरातात्विक महत्व वाला स्थल है, जहां श्रावण मास में हजारों श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए आते हैं।

प्रश्न 3: भोरमदेव कॉरिडोर परियोजना के तहत क्या विकास होगा?

उत्तर: 146 करोड़ रुपये की स्वीकृत परियोजना के अंतर्गत भोरमदेव मंदिर परिसर सहित मड़वा महल, छेरकी महल, रामचुवा से लेकर सरोदा जलाशय तक धार्मिक-पर्यटन कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जाएगा।