Reported By: Nasir Gouri
,Lal Tipara Gaushala/ Image Source: AI Generated
ग्वालियर : मध्य प्रदेश के ग्वालियर ज़िले में सबसे बड़ी और आदर्श बताई जाने वाली ग्वालियर की लाल टिपारा गौशाला एक बार फिर सवालों के घेरे में है। यहां एक साथ 15 गोवंशों की मौत से हड़कंप मच गया था, लेकिन अब यह बात सामने आई है कि बीते 19 दिनों में कुल 267 गायों की मौत हुई है। इस पूरे मामले में अब कलेक्टर रुचिका चौहान ने गायों की मौत के मामले में जांच के आदेश दिए हैं साथ ही ठंड के मौसम में उनका ख्याल रखने के लिए जारी किए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार , बीते 19 दिनों में कुल 267 गोवंश की मौत हुई है, जिनमें पूर्व से घायल, बीमार और हादसों के शिकार गोवंश शामिल हैं। आपको बता दें कि ग्वालियर की लाल टिपारा गौशाला को प्रदेश की सबसे बड़ी और आदर्श गौशाला माना जाता है। यहां 10 हजार से अधिक गोवंश रखे गए हैं और नगर निगम इस गौशाला पर सालाना 25 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि खर्च करता है।
हालांकि, लाल टिपारा की ‘आदर्श गौशाला’ का विकलांग और घायल बाड़ा उन गायों की व्यथा दिखाता है, जहां जमीन पर पड़ी दो दर्जन से ज्यादा गायें जीवन की अंतिम सांसें गिन रही हैं। डॉक्टर दावा करते हैं कि वे बेहतर इलाज कर रहे हैं, जबकि हकीकत में जो गाय एक बार जमीन पर गिर गई, वह फिर उठ नहीं पाती। कलेक्टर के निरीक्षण के दौरान 1 से 19 दिसंबर तक का आंकड़ा बताता है कि गौशाला में 223 गायें ऐसी स्थिति में आईं थीं, जिनका बच पाना मुश्किल था।
इस घटना के बाद गौशाला प्रबंधन, नगर निगम और पशुपालन विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। जिस गौशाला पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च होने का दावा किया जाता है, वहां गोवंश की ऐसी हालत सामने आना प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है।
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