Lal Tipara Gaushala: लाखों खर्च करने के बाद भी यहां की ‘आदर्श’ गौशाला में अव्यवस्था का आलम, महज इतने ही दिनों में 267 गायों की मौत, पूरे प्रदेश में मचा हड़कंप

ग्वालियर की लाल टिपारा गौशाला में बीते 19 दिनों में 267 गोवंशों की मौत से हड़कंप मच गया है। करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद व्यवस्थाओं पर सवाल उठे हैं, जिसके बाद कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं।

  • Reported By: Nasir Gouri

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  • Publish Date - December 22, 2025 / 07:23 PM IST,
    Updated On - December 22, 2025 / 07:26 PM IST

Lal Tipara Gaushala/ Image Source: AI Generated

HIGHLIGHTS
  • लाल टिपारा गौशाला में 19 दिनों में 267 गायों की मौत।
  • सालाना 25 करोड़ खर्च के बावजूद बदहाली उजागर।
  • कलेक्टर ने जांच के आदेश जारी किए।

ग्वालियर : मध्य प्रदेश के ग्वालियर ज़िले में सबसे बड़ी और आदर्श बताई जाने वाली ग्वालियर की लाल टिपारा गौशाला एक बार फिर सवालों के घेरे में है। यहां एक साथ 15 गोवंशों की मौत से हड़कंप मच गया था, लेकिन अब यह बात सामने आई है कि बीते 19 दिनों में कुल 267 गायों की मौत हुई है। इस पूरे मामले में अब कलेक्टर रुचिका चौहान ने गायों की मौत के मामले में जांच के आदेश दिए हैं साथ ही ठंड के मौसम में उनका ख्याल रखने के लिए जारी किए हैं।

सालाना 25 करोड़ रुपये की राशि खर्च करता है नगर निगम

मिली जानकारी के अनुसार , बीते 19 दिनों में कुल 267 गोवंश की मौत हुई है, जिनमें पूर्व से घायल, बीमार और हादसों के शिकार गोवंश शामिल हैं। आपको बता दें कि ग्वालियर की लाल टिपारा गौशाला को प्रदेश की सबसे बड़ी और आदर्श गौशाला माना जाता है। यहां 10 हजार से अधिक गोवंश रखे गए हैं और नगर निगम इस गौशाला पर सालाना 25 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि खर्च करता है।

223 गायों का बच पाना मुश्किल

हालांकि, लाल टिपारा की ‘आदर्श गौशाला’ का विकलांग और घायल बाड़ा उन गायों की व्यथा दिखाता है, जहां जमीन पर पड़ी दो दर्जन से ज्यादा गायें जीवन की अंतिम सांसें गिन रही हैं। डॉक्टर दावा करते हैं कि वे बेहतर इलाज कर रहे हैं, जबकि हकीकत में जो गाय एक बार जमीन पर गिर गई, वह फिर उठ नहीं पाती। कलेक्टर के निरीक्षण के दौरान 1 से 19 दिसंबर तक का आंकड़ा बताता है कि गौशाला में 223 गायें ऐसी स्थिति में आईं थीं, जिनका बच पाना मुश्किल था।

इस घटना के बाद गौशाला प्रबंधन, नगर निगम और पशुपालन विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। जिस गौशाला पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च होने का दावा किया जाता है, वहां गोवंश की ऐसी हालत सामने आना प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है।

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यह मामला किस स्थान का है?

यह मामला मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले की लाल टिपारा गौशाला का है, जिसे प्रदेश की सबसे बड़ी और आदर्श गौशाला माना जाता है।

कितने दिनों में कितनी गायों की मौत हुई है?

बीते 19 दिनों में कुल 267 गोवंशों की मौत हुई है, जिनमें घायल, बीमार और हादसों के शिकार गोवंश शामिल हैं।

प्रशासन ने क्या कदम उठाए हैं?

कलेक्टर रुचिका चौहान ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं और ठंड के मौसम में गोवंश की बेहतर देखभाल के निर्देश जारी किए हैं।