Khairagarh Sutia Village: छत्तीसगढ़ का एक ऐसा गांव जहां खजाने की रखवाली करता है सांप, नदी किनारे टीले में छिपा है इतिहास, रहस्यमयी जगह का क्या हैं राज?

छत्तीसगढ़ का एक ऐसा गांव जहां खजाने की रखवाली करता है सांप, नदी किनारे टीले में छिपा है इतिहास...Khairagarh Sutia Village: A village

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  • Publish Date - June 12, 2025 / 09:19 PM IST,
    Updated On - June 12, 2025 / 09:19 PM IST

Khairagarh Sutia Village | Image Source | IBC24

HIGHLIGHTS
  • खैरागढ़ के पास सुतिया गांव में प्राचीन इतिहास
  • गांव में प्राचीन इतिहास के भंडार का संकेत,
  • टीले से मिली पुरातात्विक मुर्तिया और वस्तुए,

खैरागढ़: Khairagarh Sutia Village:  खैरागढ़ से लगभग 8 किलोमीटर पश्चिम दिशा में स्थित सुतिया गांव के पास मुस्का नदी के किनारे एक बड़ा टीला है, जो क्षेत्र के प्राचीन इतिहास का साक्षी माना जा रहा है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि इस टीले से कई खंडित मूर्तियां और बड़े-बड़े पुराने ईंट के टुकड़े निकले हैं जिनका उपयोग गांव के पुराने स्कूल की बाउंड्रीवाल बनाने में भी किया गया है।

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Khairagarh Sutia Village:  ग्रामीणों के अनुसार टीले के नीचे कहीं न कहीं कोई बड़ा इतिहास दफ़न है। यहां से प्राचीन मृत भांड, मिट्टी के बर्तन तथा अन्य पुरावशेष मिलते रहे हैं जो दर्शाते हैं कि यह क्षेत्र कुम्हारों की प्राचीन बस्ती रहा होगा। कुछ ग्रामीणों ने तो टीले से निकली मूर्तियों को मंदिर बनाकर पूजा पाठ भी शुरू कर दिया है।इतिहासकार और पुरातत्व विशेषज्ञ प्रसन्न सहारे का कहना है कि इस टीले में खुदाई करने पर प्रागैतिहासिक काल के उपकरण और अन्य अवशेष मिलने की संभावना है। आसपास बिखरे हुए ईंट सामान्य से काफी बड़े और चौड़े हैं जो अपने आप में इतिहास की गवाही देते हैं।

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Khairagarh Sutia Village:  स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस क्षेत्र में पहले बड़े-बड़े खजाने (हंडा) भी थे जो समय के साथ नदी में बह गए। इसके साथ ही टीले के पास पाए गए बड़े साँप की केंचूली को यहां छिपे खजाने की रखवाली करने वाला सांप माना जाता है। गांव के लोग पुरातत्व विभाग से आग्रह करते हैं कि इस टीले की व्यवस्थित खुदाई कराकर दफन इतिहास को उजागर किया जाए। वहीं कुछ जानकार और पुरातत्व प्रेमी भी इस जगह की वस्तुएं देखने और अपने साथ ले जाने पहुंचे हैं जिन्हें ग्रामीण रोक नहीं पाए।

सुतिया गांव के टीले से मिले पुरातात्विक अवशेष क्या हैं?

सुतिया गांव के टीले से खंडित मूर्तियां, बड़े ईंट के टुकड़े, प्राचीन मिट्टी के बर्तन और मृत भांड जैसे पुरावशेष मिले हैं, जो इस क्षेत्र के प्राचीन इतिहास को दर्शाते हैं।

सुतिया गांव के टीले की खुदाई क्यों आवश्यक है?

इस टीले में प्रागैतिहासिक काल के उपकरण और अन्य अवशेष मिलने की संभावना है। व्यवस्थित खुदाई से इस दफ़न इतिहास को उजागर किया जा सकता है।

क्या सुतिया गांव के टीले से कोई खजाना भी जुड़ा है?

स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस क्षेत्र में पहले बड़े खजाने (हंडा) थे जो समय के साथ नदी में बह गए। साथ ही बड़े साँप की केंचूली को खजाने की रखवाली करने वाला माना जाता है।

क्या पुरातत्व विभाग ने सुतिया गांव के टीले की खुदाई की है?

अभी तक कोई व्यवस्थित खुदाई नहीं हुई है, लेकिन ग्रामीण और पुरातत्व प्रेमी इस जगह की वस्तुएं देखने आते रहते हैं। ग्रामीण पुरातत्व विभाग से खुदाई की मांग कर रहे हैं।

सुतिया गांव के टीले के प्राचीन अवशेषों से क्या इतिहास पता चलता है?

इन अवशेषों से पता चलता है कि यह क्षेत्र कुम्हारों की प्राचीन बस्ती रहा होगा और इसका प्रागैतिहासिक और ऐतिहासिक महत्व है।