Kondagaon News: ‘मैं पीकर आया हूं, तो क्या होगा?’, ग्रामसभा में शराबी सचिव का हंगामा, नशे में कर दिया ये बड़ा कांड, भड़के ग्रामीण

Kondagaon News: ‘मैं पीकर आया हूं, तो क्या होगा?’, ग्रामसभा में शराबी सचिव का हंगामा, नशे में कर दिया ये बड़ा कांड, भड़के ग्रामीण

  • Reported By: Anjay Yadav

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  • Publish Date - October 3, 2025 / 08:28 PM IST,
    Updated On - October 3, 2025 / 08:33 PM IST

Kondagaon News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • ग्रामसभा में शराबी सचिव का हंगामा,
  • नशे में धुत ग्राम सचिव ने उड़ाई ग्रामसभा की गरिमा,
  • हंगामे के बाद बैठक निरस्त,

कोंडागांव : Kondagaon News: जनपद पंचायत कोंडागांव के अंतर्गत ग्राम पंचायत पुसावंड में आयोजित ग्रामसभा उस समय हंगामे की भेंट चढ़ गई जब ग्रामीणों ने ग्राम सचिव पर शराब के नशे में सभा में शामिल होने का आरोप लगाया। ग्रामीणों का कहना है कि सचिव न केवल नशे की हालत में सभा में पहुँचे बल्कि जब उनसे पूर्व में हुए कार्यों का लेखा-जोखा और प्रस्तावित योजनाओं की जानकारी मांगी गई तो वह बहस पर उतर आए।

ग्रामीणों के अनुसार सचिव ने बेहद लापरवाह रवैया अपनाते हुए यह तक कह दिया कि मैं पीकर आया हूँ तो मेरा क्या होगा? ज़्यादा से ज़्यादा मुझे यहाँ से हटा दिया जाएगा। सचिव के इस बयान से ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। ग्रामसभा में मौजूद नोडल अधिकारी और सरपंच ने सचिव के इस गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार को देखते हुए सभा को तत्काल निरस्त करने का निर्णय लिया।

Kondagaon News: ग्रामसभा निरस्त होने से ग्रामीणों में भारी असंतोष व्याप्त है। ग्रामीणों का कहना है कि ग्रामसभा गाँव की सर्वोच्च संस्था होती है, जहाँ विकास कार्यों की समीक्षा और भविष्य की योजनाओं पर निर्णय लिया जाता है। ऐसे में सचिव का यह रवैया न केवल ग्रामसभा की गरिमा को ठेस पहुँचाता है, बल्कि लोकतांत्रिक प्रणाली पर भी सवाल खड़े करता है। ग्रामीणों ने प्रशासन से सचिव के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की है।

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"कोंडागांव ग्रामसभा हंगामा" का कारण क्या था?

उत्तर: "कोंडागांव ग्रामसभा हंगामा" का कारण ग्राम सचिव का शराब के नशे में सभा में शामिल होना और सवाल पूछे जाने पर बहस करना था।

क्या "ग्रामसभा पुसावंड" को निरस्त कर दिया गया था?

उत्तर: हाँ, ग्राम सचिव के गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार के चलते नोडल अधिकारी और सरपंच ने ग्रामसभा पुसावंड को निरस्त कर दिया।

ग्रामीणों ने "ग्राम सचिव पर शराब पीकर आने" का आरोप क्यों लगाया?

उत्तर: ग्रामीणों के अनुसार सचिव नशे में थे, उन्होंने स्वयं यह स्वीकार भी किया कि “मैं पीकर आया हूँ, ज़्यादा से ज़्यादा मुझे हटा दिया जाएगा।”

क्या प्रशासन से "सचिव के खिलाफ कार्रवाई" की मांग की गई है?

उत्तर: हाँ, ग्रामीणों ने प्रशासन से सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है क्योंकि सचिव का आचरण ग्रामसभा की गरिमा के खिलाफ था।

"ग्रामसभा का महत्व" गाँव के विकास में क्या है?

उत्तर: "ग्रामसभा" गाँव की सर्वोच्च लोकतांत्रिक संस्था है जहाँ विकास कार्यों की समीक्षा और भविष्य की योजनाएं तय की जाती हैं।