The war of words between BJP and Congress intensifies!

वित्तीय प्रबंधन पर वार-पलटवार। बीजेपी-कांग्रेस में जुबानी जंग तेज!

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:56 PM IST, Published Date : December 2, 2021/11:26 pm IST

रायपुरः छत्तीसगढ़ के सियासी गलियारे में इन दिनों भाजपा-कांग्रेस में वित्तीय प्रबंधन को लेकर जुबानी जंग छिड़ी हुई है। कांग्रेस ने भाजपा के 15 साल के कार्यकाल पर सवाल खड़ा करते हुए आरोप लगाया कि रमन सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के नमूने आज भी राजधानी में मौजूद हैं। भाजपा शासनकाल की फिजूलखर्ची वाली योजनाओं के कर्ज का बोज आज भी राज्य सरकार और प्रदेश की आमजनता भुगत रही है। इधऱ, भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस सरकार के अब तक के कार्यकाल में सभी विकास कार्य ठप्प पड़े हैं। आखिर ये बहस कहां से शुरू हुई और इस पर दोनों पक्षों के क्या तर्क हैं।

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सोचिए! किस तरह का आर्थिक कुप्रबंधन @bhupeshbaghel सरकार में चल रहा है @INCChhattisgarh सरकार के कारण केंद्र सरकार से मिलने वाले 7.81 लाख पीएम आवास अब नहीं बन पाएंगे। इससे 11 हजार करोड़ से अधिक का सालाना नुकसान राज्य को होगा। भूपेश बघेल ने गरीबों के घर बनने से पहले ही उजाड़ दिए। पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के कांग्रेस सरकार पर आर्थिक कुप्रबंध के आरोप लगाते हुए एक ट्वीट किया। जिसके बाद कांग्रेस ने भाजपा पर जमकर हमला बोला। कांग्रेस ने भाजपा सरकार के कार्यकाल की याद दिलाते हुए कई ऐसे प्रोजेक्ट को लेकर सवाल उठाए जिनकी उपयोगिता, गुणवत्ता और ओवरबजट को लेकर आज तक सवालिया निशान लगे हुए हैं।

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कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि प्रदेश में 3 टर्म के बीजेपी राज में वित्तीय कुप्रबंधन का हाल ये था कि हाउसिंग बोर्ड, RDA, नगर निगम, नया रायपुर सभी इमारतें खड़ी करने में लगे रहे, जो कि आज तक ख़ाली पड़े हैं। कांग्रेस का सीधा आरोप है कि दूर-दराज में बिना किसी ठोस सर्वे के बिना डिमांड का आंकलन किए हजारों मकान वहां बनाकर छोड़ दिए जहां बसाहट ही नहीं है। काफी मशक्कत के बाद भी हज़ारों मकान अब भी खाली पड़े खंडहर हो रहे हैं। कमल विहार प्रोजेक्ट पर कई हज़ार करोड़ फूंक दिए गए। इसके अलावा राजधानी रायपुर के बीचों-बीच खड़ा स्काई वॉक और बिना टावर वाले इलाकों में करोड़ों रुपए के लो क्वालिटी वाले मोबाइल फोन बांटे गए। जिसका कर्ज आज भी प्रदेश सरकार चुका रही है। जिसका बोझ राज्य की आम जनता पर ही पड़ रहा है।

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इधर, भाजपा ने इस मुद्दे पर सफाई देते हुए कहा कि बीजेपी के 15 साल के शासनकाल के कामों को दुनिया ने देखा है। पूर्व मंत्री और वरिष्ठ भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने पलटवार करते हुए कहा कि अब राजधानी विकास कार्यों के लिए मोहताज हो गई है। काम अधूरे पड़े हैं ।

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वैसे, भाजपा लाख सफाई दे ले लेकिन उनके शासनकाल की स्काई वॉक योजना,स्मार्ट फोन वितरण, कमल विहार प्रोजेक्ट और नया रायपुर आवासीय योजना की उपयोगिता, एक्सप्रेस-वे के निर्माण की क्वालिटी को लेकर उठे सवाल आज भी पिछली भाजपा सरकार को वित्तीय प्रबंधन और फिजूलखर्ची को लेकर कटघरे में खड़ा करते हैं। जिनपर आमजन के सवालों पर आज भी भाजपा जवाब देते समय असहज नजर आती है।

 

 
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