Mahasamund News: वन विकास निगम या वन विनाश निगम? जंगलों में दो महीने से चल रही अंधाधुंध पेड़ों की कटाई, ग्रामीणों ने कह दी ये बड़ी बात

वन विकास निगम या वन विनाश निगम...Mahasamund News: Forest Development Corporation or Forest Destruction Corporation? Indiscriminate cutting

Mahasamund News | Image Source | IBC24

HIGHLIGHTS
  • जंगलों में दो महीने से चल रही अंधाधुंध पेड़ों की कटाई,
  • वन विकास निगम के कारनामे देख ग्रामीण अब इसे ‘वन विनाश निगम’ कहने लगे,
  • इमारती लकड़ी, जलाऊ लकड़ी, फलदार पेड़ों की कटाई,

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महासमुंद: Mahasamund News:  एक ओर सरकार जहां हरित क्षेत्र बढ़ाने की बात कर रही है वहीं दूसरी ओर वन विकास निगम के कारनामे देख ग्रामीण अब इसे ‘वन विनाश निगम’ कहने लगे हैं। महासमुंद जिले के ग्राम मोंहदी से लगे घने जंगलों में बीते दो माह से हजारों की संख्या में हरे-भरे पेड़ों की कटाई की जा रही है जिससे ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश है।

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नियमों को ताक पर रखकर की जा रही पेड़ों की कटाई

Mahasamund News:  ग्रामीणों का आरोप है कि यह कटाई खुद वन विकास निगम द्वारा कराई जा रही है। हैरानी की बात यह है कि इमारती लकड़ी, जलाऊ लकड़ी के साथ-साथ फलदार पेड़ों को भी बेरहमी से काटा गया है।  वन विभाग के नियमों के अनुसार, 11 साल से कम आयु के पेड़ों को नहीं काटा जा सकता, लेकिन यहां 3 से लेकर 7 साल तक के पेड़ों को भी नहीं बख्शा गया।

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रोजगार और पर्यावरण पर गहराया संकट

Mahasamund News:  मोंहदी के सघन और संपन्न जंगलों में कई फलदार वृक्ष मौजूद हैं, जिन पर ग्रामीणों की आजीविका टिकी हुई है। इन जंगलों से ग्रामीण वनोपज एकत्र कर आजीविका चलाते हैं, लेकिन अब फलदार वृक्षों की अंधाधुंध कटाई से रोजगार पर सीधा असर पड़ने की आशंका है। वन सुरक्षा समिति को इस कटाई के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई और न ही ग्रामीणों से सलाह ली गई, जिससे स्थानीय सहभागिता और पारदर्शिता के सवाल खड़े हो रहे हैं।

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ग्रामीणों में गहरा रोष

Mahasamund News:  ग्रामीणों ने बताया कि कटाई की प्रक्रिया पूरी तरह मनमानी और नियमों के खिलाफ है। उनका कहना है कि वन विकास निगम की यह कार्रवाई जंगलों के अस्तित्व और उनके संरक्षण पर सीधा हमला है। पेड़ों की आयु, प्रजाति और उपयोगिता की अनदेखी करते हुए बड़े पैमाने पर वन विनाश किया जा रहा है।

"पेड़ काटने के नियम" क्या हैं भारत में?

वन विभाग के अनुसार, 11 वर्ष से कम आयु के पेड़ नहीं काटे जा सकते, और हर कटाई के लिए पूर्व अनुमति और पारदर्शिता जरूरी होती है।

क्या "फलदार पेड़ों की कटाई" भी वैध हो सकती है?

केवल विकास योजनाओं या विशेष परियोजनाओं के अंतर्गत ही फलदार वृक्षों की कटाई की जा सकती है, वो भी स्थानीय समिति की मंजूरी और विकल्पीय पौधारोपण योजना के साथ।

क्या "वन विकास निगम" बिना अनुमति पेड़ काट सकता है?

नहीं। वन विकास निगम को भी वन विभाग के नियमानुसार कार्य करना होता है। बिना स्थानीय सहमति के की गई कटाई अवैध मानी जाती है।

"वन विनाश" से ग्रामीणों की रोज़गार पर क्या असर होता है?

ग्रामीण वनोपज (जैसे फल, पत्ते, औषधीय पौधे) पर निर्भर होते हैं। पेड़ों की कटाई से उनकी आजीविका, खाद्य सुरक्षा और परंपरागत जीवनशैली प्रभावित होती है।

यदि "पेड़ कटाई अवैध" लगे तो क्या किया जाए?

ग्रामीण वन सुरक्षा समिति, स्थानीय प्रशासन या वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत कर सकते हैं। चाहें तो RTI (सूचना का अधिकार) के माध्यम से जानकारी भी ली जा सकती है।