Minister Kawasi Lakhma remarks against the Prime Minister justified?

ये है रॉग ‘पॉलिटिक्स’! मंत्री कवासी लखमा की प्रधानमंत्री के खिलाफ टिप्पणी कहां तक उचित?

मंत्री कवासी लखमा की प्रधानमंत्री के खिलाफ टिप्पणी कहां तक उचित?Minister Kawasi Lakhma remarks against the Prime Minister justified?

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:44 PM IST, Published Date : April 22, 2022/10:47 pm IST

रिपोर्ट- सौरभ सिंह परिहार, रायपुर: Kawasi Lakhma remarks  कल ही हमने इस मंच पर बात की थी प्रदेश के विकास के लिए राइट पॉलिटिक्स की। यानि केंद्र और राज्य के मिलकर प्रदेश विकास पर फोकस करने की। लेकिन आज फिर इस रिपोर्ट को देखने के बाद प्रदेश सरकार के एक जिम्मेदार कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा के प्रतिक्रिया में दिए बयान को सुनने के बाद, क्या कहा जाए समझ से परे है। बयान भी देश के प्रधानमंत्री को लेकर है और शब्द भी ऐसे हैं जिसे दोहराना भी सहज नहीं है। मंत्री जी का कहना कि प्रधानमंत्री मोदी ‘छत्तीसगढ़ में दो बार आए और बाथरूम कर चले गए’। ये किसी भी तरह से, किसी भी लिहाज से क्या कोई जायज ठहरा सकता है। हालांकि इसके पलटवार में मंत्रीजी को याने चुने हुए प्रतिनिधि को कार्टून और जोकर कहा गया वो भी दूसरे चुने हुए प्रतिनिधी द्वारा, क्या ये भी उचित है?

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Kawasi Lakhma remarks  प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी लखमा, जो अपने अजीबोगरीब बयान के कारण अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। लेकिन इस बार कवासी लखमा ने जो कहा है उसे कतई मर्यादित नहीं कहा जा सकता। हालांकि राजनीतिक अखाड़े में अब न तो मूल्य और सिद्धांत बचे हैं और न लिहाज। बावजूद इसके बस्तर से कांग्रेस के बड़े चेहरों में से एक कवासी लखमा का बयान सवाल खड़े करता है कि प्रधानमंत्री के खिलाफ उनकी टिप्पणी कहां तक उचित है? बहरहाल कवासी लखमा का बयान सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है, जिसे लेकर बीजेपी नेताओँ के तेवर बेहद आक्रामक दिखा। सांसद संतोष पांडेय ने तो आबकारी मंत्री को कार्टून और जोकर की संज्ञा देते हुए अजायबघर में रखने की बात कह डाली।

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जाहिर है अगले साल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं और पीएम मोदी बीजेपी के लिए सबसे बड़ा चेहरा हैं। चुनाव से पहले आकांक्षी जिलों में केंद्रीय मंत्रियों का दौरा भी चुनावी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसे लेकर बीजेपी-कांग्रेस में तीखी बयानबाजी भी हो रही है। इस लड़ाई को कवासी लखमा के बयान ने और हवा दे दी है।

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बहरहाल आबकारी मंत्री के बयान के एक दिन पहले सीएम भूपेश बघेल ने मोदी सरकार के ही मंत्री नितिन गडकरी के व्यवहार और कार्यो को लेकर तारीफों की कसीदे पढ़े, तो जनता को उम्मीद थी कि अब प्रदेश में राइट पॉलिटिक्स होगी। लेकिन कवासी लखमा का देश के प्रधानमंत्री को लेकर दिया बयान फिर कई सवाल अपने पीछे छोड़ गया। सबसे अहम सवाल है कि ऐसे बेतुके बयानों से किसका भला होगा? क्या जनता ने इसीलिए इन्हें अपना जनप्रतिनिधि चुना?

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