Minister Kawasi Lakhma Says Bhupesh Baghel will Decide on Liquor Ban

शराबबंदी पर भारी बंपर डिमांड! विधानसभा के बजट सत्र में एक बार फिर गूंजेगा शराब का मुद्दा

विधानसभा के बजट सत्र में एक बार फिर गूंजेगा शराब का मुद्दा! Minister Kawasi Lakhma Says CM Bhupesh Baghel will Decide on Liquor Ban

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:50 PM IST, Published Date : February 8, 2022/10:40 pm IST

(रिपोर्ट: राजेश मिश्रा के साथ स्टार जैन) रायपुर: Minister Kawasi Lakhma  शराबबंदी को लेकर प्रदेश में अरसे से बहस चली आ रही है, सरकार चाहे किसी की भी हो। विपक्ष में रहने वाली पार्टी ने हमेशा इसे राजनीतिक मुद्दा बनाया है। विपक्ष एक बार फिर इस मुद्दे को लेकर सरकार की नीयत पर सवाल उठा रहा है। इसकी वजह है कि आबकारी मंत्री कवासी लखमा का ताजा बयान, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि बीजेपी के अलावा प्रदेश में कोई नहीं चाहता कि शराबबंदी हो। सरगुजा से लेकर बस्तर तक नई दुकान खोलने की डिमांड है। आबकारी मंत्री के बयान पर आरोप-प्रत्यारोप की सियासत शुरू हो गई है। सवाल है कि क्या वाकई शराबबंदी पर भारी पड़ रही है बंपर डिमांड?

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Minister Kawasi Lakhma  शराबबंदी के मुद्दे पर छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने दो टूक कहा है कि बीजेपी को छोड़कर प्रदेश में कोई नहीं चाहता कि शराबबंदी हो। कवासी लखमा ने ये भी कहा कि जब से वो आबकारी मंत्री बने हैं, बस्तर से लेकर सरगुजा तक नई शराब दुकान खोलने की मांग आ रही है। बीते 3 साल में जनता की तरफ से शराबबंदी के लिए एक भी एप्लिकेशन नहीं आई है। सिर्फ और सिर्फ बीजेपी ही राजनीतिक फायदे के लिए इस मुद्दे को हवा देती है। उन्होंने ये जरूर कहा कि शराबबंदी पर अंतिम फैसला कैबिनेट और सीएम ही लेंगे।

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जाहिर तौर पर कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद जब विपक्ष ने शराबबंदी का मुद्दा उठाया था तो राज्य सरकार ने इसके लिए कमेटी गठित कर दी। लेकिन कमेटी को लेकर भी सत्ता-पक्ष और विपक्ष एक दूसरे की नीति और नियत पर सवाल उठाते रहे हैं। प्रदेश के आबकारी मंत्री के ताजा बयान ने इस मामले में नया मोड़ ला दिया है। बीजेपी शराबबंदी के मुद्दे पर एक बार फिर आक्रामक है। प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय का कहना है कि विधानसभा चुनाव के पहले जिस कांग्रेस ने गंगाजल हाथ में लेकर वादा किया था, वो सत्ता मिलते ही शराबबंदी के बजाए और दुकान खोलने की तैयारी में है।

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वैसे ये पहला मौका नहीं है जब प्रदेश में शराब पर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हो। कवासी लखमा पहले भी छत्तीसगढ़ में अवैध शराब की तस्करी को बीजेपी की चाल बता चुके हैं, जिसे लेकर भी काफी बवाल मचा था। आबकारी मंत्री के ताजा बयान पर बीजेपी एक बार फिर आक्रामक अंदाज में सरकार को घेरने में जुट गई है। मतलब साफ है कि अगले महीने शुरु होने वाले विधानसभा के बजट सत्र में एक बार फिर शराब का मुद्दा उठेगा।

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