रिपोर्ट- राजेश राज, रायपुर: Mission Bastar d. Purendeshwari बीजेपी की प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी तीन दिवसीय बस्तर प्रवास पर हैं। इस दौरान वो अलग-अलग जिलों के स्थानीय नेताओं से रूबरू होंगी। समझा तो यही जा रहा है कि उनका दौरा आगामी चुनाव से पहले बस्तर क्षेत्र की आदिवासी सीटों को साधने की कोशिश है। पुरंदेश्वरी के दौरे पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि ऐसा लगता है नगरीय निकाय चुनाव परिणाम से मिले सदमें से उबर गई हैं, इसलिए फिर आई हैं। सीएम ने कटाक्ष किया तो बीजेपी ने पलटवार किया कि हमारे प्रभारी के आने से कांग्रेसियों के चेहरे पर चिंता की लकीरें हैं।
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Mission Bastar निकाय चुनाव में बीजेपी की करारी शिकस्त के बाद डी पुरंदेश्वरी के बस्तर दौरे पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जमकर कटाक्ष किया है। सीएम ने कहा कि पिछली बार चिंतन शिविर में पुरंदेश्वरी ने थूका था बीजेपी उसमें बह गई। ऐसा लगता है नगरीय निकाय चुनाव परिणाम से मिले सदमें से उबर गई हैं, इसलिए फिर आई हैं। सीएम भूपेश बघेल यहीं नहीं रूके। पत्रकारों से चर्चा के दौरान उन्होंने पुरंदेश्वरी के बस्तर दौरे में राजधानी के बड़े नेताओं के शामिल नहीं होने पर भी जमकर चुटकी ली।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जुबानी हमलों के बीच बीजेपी की प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी तीन दिनों के दौरे पर बस्तर पहुंची। उनका ये दौरा पूरी तरह से आदिवासी बहुल बस्तर संभाग में बीजेपी की जमीनी स्थिति को टटोलने की कवायद समझी जा रही है। लिहाजा उनकी बैठकों और मुलाकातों में भी जिला और मंडल स्तर के नेता और कार्यकर्ता फोकस में है। जिले की बैठक के बाद पुरंदेश्वरी पहले विधानसभावार प्रमुख नेताओं से और फिर सक्रिय स्थानीय कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगी। हालांकि बस्तर प्रवास और दौरे के पूरे कार्यक्रम से पार्टी और संगठन के बड़े नेताओं को किनारे ही रखा गया है, जिसे लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस तंज कस रही है। कांग्रेस नेताओं के जुबानी हमले पर बीजेपी नेता भी पलटवार कर रहे हैं।
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बहरहाल दोनों दल जानते हैं प्रदेश में सत्ता का रास्ता बस्तर में जीत के बिना संभव नहीं है। फिलहाल बस्तर की सभी 12 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है, लेकिन बीजेपी ने कांग्रेस के इस गढ़ में सेंध लगाने की कवायद शुरू कर दी है। इसी कवायद का हिस्सा बस्तर में बीजेपी का तीन दिवसीय ‘चिंतन शिविर’ का आयोजन था और अब तीन दिन तक डी पुरंदेश्वरी देश बस्तर में रहकर स्थानीय नेताओं के साथ बातचीत करेंगी। लेकिन इस दौरे में बीजेपी के बड़े नेताओं दूर रखने पर कई सवाल भी उठ रहे हैं।
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