छत्तीसगढ़ में पुलिस अधिकारियों पर हमले का आरोपी नक्सली और उसकी पत्नी ने आत्मसमर्पण किया |

छत्तीसगढ़ में पुलिस अधिकारियों पर हमले का आरोपी नक्सली और उसकी पत्नी ने आत्मसमर्पण किया

छत्तीसगढ़ में पुलिस अधिकारियों पर हमले का आरोपी नक्सली और उसकी पत्नी ने आत्मसमर्पण किया

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Modified Date: May 9, 2025 / 09:30 PM IST
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Published Date: May 9, 2025 9:30 pm IST

कोंडागांव, नौ मई (भाषा) छत्तीसगढ़ में इनामी नक्सली दंपती ने शुक्रवार को कोंडागांव जिले में सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले पुरुष नक्सली के खिलाफ 2009 में राजनांदगांव जिले में और 2011 में गरियाबंद जिले में सुरक्षाबलों पर हमले की घटना में शामिल होने आरोप है। इन हमलों में राजनांदगांव जिले के पुलिस अधीक्षक विनोद चौबे और गरियाबंद जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश पवार समेत 38 पुलिसकर्मियों की मृत्यु हुई थी।

उन्होंने बताया कि जिला मुख्यालय में स्थित पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आज नक्सली रैसिंग कुमेटी उर्फ रतनसिंग (35) और उसकी पत्नी पुनाय आचला उर्फ हिरोंदा (34) ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। दोनों नक्सली कांकेर जिले के निवासी हैं।

अधिकारियों ने बताया कि नक्सलियों के सर पर आठ—आठ लाख रुपए का इनाम है।

उन्होंने बताया कि नक्सलियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ के कांकेर, राजनांदगांव, धमतरी, गरियाबंद, कोंडागांव और पड़ोसी राज्य उड़ीसा में विभिन्न घटनाओं में शामिल होने आरोप है।

अधिकारियों ने बताया कि नक्सली रैसिंग के खिलाफ 2009 में राजनांदगांव के मदनवाड़ा थाना क्षेत्र में पुलिस दल पर हमला तथा 2011 में गरियाबंद जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश पवार के काफिले पर हमला करने की घटना में शामिल होने का आरोप है।

राजनांदगांव के मदनवाड़ा की घटना में पुलिस अधीक्षक विनोद चौबे समेत 29 पुलिसकर्मी तथा गरियाबंद जिले की घटना में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश पवार समेत नौ पुलिसकर्मियों की मृत्यु हुई थी।

उन्होंने बताया कि रैसिंग के खिलाफ 2004 में उड़ीसा के कोरापुट जिले में हथियार और कारतूस की लूट की घटना में भी शामिल होने का आरोप है।

अधिकारियों ने बताया कि रैसिंग की पत्नी पुनाय आचला के खिलाफ भी कई नक्सली घटनाओं में शामिल होने का आरोप है।

उन्होंने बताया कि नक्सली दंपती ने राज्य शासन की नक्सल उन्मूलन नीति से प्रभावित होकर तथा नक्सलियों की खोखली विचारधारा और शोषण से तंग आकर आत्मसमर्पण करने का फैसला किया है।

अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पित नक्सली रैसिंग 2002 से 2023 तक तथा पुनाय 2005 से 2023 तक माओवादी संगठन में सक्रिय थे।

उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पित नक्सलियों को ‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति-2025’ के तहत प्रोत्साहन राशि के रूप में 50-50 हजार रुपए प्रदान किया गया है। उन्हें अन्य सुविधाओं का भी लाभ दिया जाएगा।

भाषा संजीव रंजन

रंजन

 

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