Sai Cabinet Ke Faisle : प्रदेश में नहीं खुलेगी नई शराब दूकान, साय कैबिनेट की बैठक में लिया गया निर्णय
Sai Cabinet Ke Faisle : राजधानी रायपुर के महानदी भवन मंत्रालय में सीएम विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में केबिनेट की बैठक हुई।
Vishnudeo Sai Cabinet
रायपुर : Sai Cabinet Ke Faisle : राजधानी रायपुर के नवा रायपुर में स्थित महानदी भवन मंत्रालय में सीएम विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में केबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में सीएम साय के अलावा, प्रदेश के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और अरुण साव समेत केबिनेट के सभी सदस्य मौजूद रहे। केबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। बता दें कि, केबिनेट की बैठक में मोदी की गारंटी और आगामी बजट को लेकर चर्चा हुई है।
इन मुद्दों पर लगी मुहर
Sai Cabinet Ke Faisle : साय केबिनेट की बैठक में आबकारी निति वर्ष 2024-25 में अनुमोदन किया है। विनियोग विधेयक 2024 में अनुमोदन करने के प्रस्ताव पर मुहर लगी है। इसके साथ ही बिलासपुर हाईकोर्ट में ज्वाइंट रजिस्ट्रार के 5 पद मंजूर किए गए हैं। इसके साथ ही डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि, प्रदेश में अवैध शराब और नशे का कारोबार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही उनोने कहा कि, प्रदेश में धर्मांतरण का मुद्दा बेहद गंभीर हैं।
बैठक में निम्न महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए :-
- छत्तीसगढ़ के षष्ठम् विधानसभा के द्वितीय सत्र फरवरी–मार्च 2024 के लिए राज्यपाल के अभिभाषण के प्रारूप का अनुमोदनकिया गया।
- तृतीय अनुपूरक अनुमान वर्ष 2023-2024 का विधानसभा में उपस्थापन के लिए छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक-2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
- बजट अनुमान वर्ष 2024-25 का विधानसभा में उपस्थापन के लिए छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक-2024 के प्रारूप का अनुमोदनकिया गया।
- छत्तीसगढ़ आबकारी नीति वित्तीय वर्ष 2024-25 का अनुमोदन किया गया है। यह निर्णय लिया गया है कि कोई भी नई मदिरा दुकान नहीं खोली जाएगी।
- छत्तीसगढ़ सिविल न्यायालय (संशोधन) विधेयक-2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया है।
- माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में ज्वाईंट रजिस्ट्रार (एम) के 5 पद आकस्मिकता निधि से सृजित करने का निर्णय लिया गया है।
Sai Cabinet Ke Faisle : इस संशोधन में ‘जिला न्यायाधीश‘ को ‘प्रधान जिला न्यायाधीश‘ और ‘अपर जिला न्यायाधीश‘ को ‘जिला न्यायाधीश‘ करने का प्रावधान रखा गया है।इसी तरह ‘व्यवहार न्यायाधीश प्रथम वर्ग‘ को ‘व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ श्रेणी‘ तथा ‘व्यवहार न्यायाधीश द्वितीयवर्ग‘ को ‘व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ श्रेणी‘ तथा ‘जिला न्यायालय‘ को ‘प्रधान जिला न्यायालय‘ से प्रतिस्थापित करने का प्रावधान रखा गया है।

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