रायपुर : Shiv Dahariya Bangla Case : सरकार बदली साथ ही काफी कुछ बदलता दिखा। कैबिनेट में चेहरे, जमीन पर अफसरों की जमावट, नेताओं के पते भी बदल गए हैं। रूटीन प्रक्रिया के तहत पिछली सरकार के मंत्रियों ने बंगले खाली किए और नवगठित कैबिनेट सदस्यों को बंगले अलॉट किए गए। ये प्रक्रिया नई नहीं है, रुटीन है, हर बार होता है लेकिन इस बार मंत्रियों की बंगला शिफ्टिंग के दौरान ऐसा कुछ हुआ जो इस वक्त प्रदेश के सियासी गलियारे में जमकर तूल पकड़ रहा है। मौजूदा स्वास्थ्य मंत्री ने उन्हें अलॉट बंगले से लाखों के सामान गायब होने के आरोप लगाए हैं। जिस पर पूर्वमंत्री ने सफाई देते हुए मौजूदा मंत्री की समझ और अनुभव पर सवाल उठाए।
Shiv Dahariya Bangla Case : प्रदेश में बीजेपी सरकार आने के बाद, साय मंत्रिमंडल के कैबिनेट मंत्रियों को नए सिरे से सरकारी बंगले अलॉट हुए। इसके ठीक पहले पिछली सरकार के मंत्रियों ने इन बंगलों को खाली किया। इसी शिफ्टिंग के दौरान प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को C-2 बंगला अलॉट हुआ, जिसकी बदहाल स्थिति पर उन्होंने गंभीर सवाल उठाए। जायसवाल ने कहा कि राज्य के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि बंगला खाली करने के साथ सामान गायब कर दिया गया। जो कि बेहद शर्मनाक और निंदनीय है। उन्होंने कहा कि जांच के आदेश दिए हैं। जो आरोपी होगा उससे वसूली की जाए।
राजधानी के शंकर नगर स्थित C-2 बंगला इससे पहले कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ शिव डहरिया को अलॉट था। पिछले दिनों वो ये बंगला खाली कर चुके हैं। अब बंगले की मौजूदा हालत पर लगे आरोपों पर सफाई देते हुए मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि उन्हें जो बंगला मिला था वो नया भवन था। जो AC-TV लगा था वो मेरा था। डहरिया ने तंज कसते हुए कहा कि श्याम बिहारी जायसवाल नए-नए मंत्री बने हैं, अगर बंगले से कुछ सामान गायब है तो मुझसे बात करते, ना कि सीधे चोरी का आरोप लगाते, अनुसूचित जाति के नेता पर ऐसे आरोप नहीं गलत है।
Shiv Dahariya Bangla Case : सरकार बदलने के साथ बंगले बदलना, है तो रूटीन प्रक्रिया लेकिन C-2 बंगले का मौजूदा हाल, उस पर लगे गंभीर आरोप और पूर्व मंत्री की सफाई और सफाई में अनुसूचित जाति का होने की वजह से उन्हें बदनाम करने साजिश का पटलटवार। ये सब वाकई पहली बार हो रहा है, लेकिन सवाल ये कि पूर्व मंत्री को बंगला किस हाल में मिला था, क्या बाकी बंगलों में भी ऐसा कुछ हुआ है। क्या इसकी गंभीरता से जांच होगी या फिर ये महज सियासी आरोपों का अंधड़ मात्र है?