Deepak Baij On CG Government/Image Credit: IBC24 File Update
Deepak Baij On CG Government: रायपुर: अपना अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रहे नक्सल संगठन को मंगलवार को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, नक्सलियों के शीर्ष नेता और पोलित ब्यूरो सदस्य सोनू दादा उर्फ़ वेणुगोपाल राव ने सरेंडर कर दिया है। सोनू दादा के साथ ही 60 और माओवादियों ने गढ़चिरौली पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है। बताया जा रहा है कि, नक्सली अपने साथ 50 हथियार भी लेकर पहुंचे है। सोनू दादा के आत्मसमर्ण करने पर अब राजनीति शुरू हो गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने भूपति सहित कई नक्सलियों के सरेंडर करने पर बड़ा बयान दिया है।
Deepak Baij On CG Government: पीसीसी चीफ दीपक बैज ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, ये लोग एक महीने पहले पकड़े गए लोगों से भी सरेंडर करवा रहे हैं। पंचर बनाने वाले को भी सरेंडर कराने की तैयारी थी। दीपक बैज ने आगे कहा कि, सरेंडर करने वाले सभी नक्सलियों की डिटेल्स सरकार को देनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि, मार्च 2026 तक नक्सलवाद खत्म करने की क्या हकीकत है वो दिखने लगी है। नक्सलियों को घूम-घूम कर सरेंडर कराया जाता है।
Deepak Baij On CG Government: विजय शर्मा के तय समय में नक्सलवाद खत्म होने के बयान पर पलटवार करते हुए बैज ने कहा कि, मुगालते की कोई दवाई नहीं है। कैम्प के पास ब्लास्ट होता है, भाजपा कार्यकर्ता की हत्या हो जाती है.। अभी 6 महीने बाकी है, लेकिन फिर कहता हूं कि मार्च के बाद नया बहाना न ढूंढे।
Deepak Baij On CG Government: बता दें कि, एक महीने पहले सोनू दादा ने छत्तीसगढ़ सरकार को शांतिवार्ता के लिए खत लिखा था। उन्होंने सशस्त्र और हथियारबंद संघर्ष को विराम देकर बिना हथियार के आंदोलन को आगे बढ़ाने की बात कही थी। हालांकि नक्सल संगठन के दूसरे नेताओं ने भी पत्र जारी कर इस प्रस्ताव को सोनू दादा की निजी राय बताया था। इसके बाद से अटकलें लगाई जा रही थी कि, सोनू दादा पुलिस के संपर्क में है और कभी आत्मसमर्पण कर सकते है।
Deepak Baij On CG Government: न्यूज एजेंसी एएनआई ने इस आत्मसमर्पण की पुष्टि करते हुए लिखा है कि, “भाकपा/माओवादी के पोलित ब्यूरो सदस्य मल्लौजुला वेणुगोपाल राव उर्फ सोनू ने आज महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में 60 माओवादी कार्यकर्ताओं के साथ हथियार डाल दिए। यह भाकपा/माओवादी के लिए एक बड़ा झटका है और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और देश भर की राज्य सरकारों के नेतृत्व में पुलिस द्वारा चलाए जा रहे निरंतर अभियानों का परिणाम है। सितंबर में, सोनू ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर हथियार डालने का संकेत दिया था। उन्हें छत्तीसगढ़ और देश के अन्य हिस्सों में माओवादी कार्यकर्ताओं के एक बड़े हिस्से से समर्थन मिला, जिन्होंने उन्हें समर्थन दिया”