Vande Bharat:
रायपुरः Vande Bharat: अगर आप सोशल मीडिया पर नजर रखते हैं तो आपको बीते दिनों मारे गए दुर्दांत नक्सल लीडर हिडमा के कई-कई हितैषी नजर आएंगे। ऐसे दोगले लोग नजर आएंगे जिन्हें बस्तर की हरियाली को खूनी वारदातों से लाल करने वाले माओवादी हीरोज नजर आते हैं पर सच क्या है ये बस्तर भी जानता और देश भी देख समझ चुका है। बहरहाल, हिडमा को हीरो बनाने वाले, उसके मरने पर मातमपुर्सी करने वालों को देख एक नया नाम सामने आया है नक्सलियों का फूफा, जिसपर दिनभर बयान आते रहे।
Vande Bharat: खूंखार नक्सली हिड़मा के एनकाउंटर के बाद दिल्ली में उसके समर्थन में लगे नारों पर सियासी बवाल जारी है। टुकड़े-टुकड़े गैंग ने जिस तरह हिड़मा को बिरसामुंडा और गुंडाधुर जैसे महान शख्सियत बताया तो दिल्ली से लेकर रायपुर तक इस पर सियासी संग्राम छिड़ गया। वैसे मोस्ट वाटेंड हिड़मा के हिमायतियों की लंबी लिस्ट सामने आ चुकी है। ऐसे लोगों पर छत्तीसगढ़ बीजेपी हमलावर है। X पर 2 वीडियो पोस्ट कर निशाना साधा कि नक्सली हिड़मा के बहाने गलत नैरेटिव फैलाकर देश में फिर से भ्रम फैलाने की कोशिश की। वहीं हिडमा को लेकर शुरू हुई लड़ाई अब एक दूसरे को फूफा बताने पर आ गई है। बीजेपी सांसद संतोष पांडेय ने तंज कसा कि नक्सलियों के फूफा हिडमा की मौत पर छाती पीट रहे हैं। ऐसे लोगों से कांग्रेस का गहरा संबंध रहा है। बीजेपी ने कांग्रेस पर नक्सलियों का समर्थन आरोप लगाया तो कांग्रेस ने भी तीखा पलटवार किया।
सियासी आरोप-प्रत्यारोप से इतर बस्तर से अच्छी तस्वीर सामने आई। नारायणपुर में माड़ डिवीजन के 28 नक्सलियों ने सरेंडर ने हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हुए। सरेंडर करने वालों में 18 महिला नक्सली भी थी। यानी नक्सल फ्रंट पर एकसाथ कई मोर्चे खुले हुए हैं। एक तरफ फोर्स के दबाव के बाद बड़ी संख्या में नक्सली सरेंडर कर रहे हैं या फिर मारे जा रहे हैं तो दूसरी तरफ इन घटनाओं को लेकर जुबानी जंग भी बदस्तूर जारी है और नक्सलियों के हिमायती के बाद लड़ाई फूफा तक पहुंच गई है।