रायपुरः राम हम सब के आस्था के केंद्र हैं और हमेशा से उनकी पूजा मर्यादा पुरूषोत्तम या रामलला के तौर पर करते रहे हैं। लेकिन सियासी गलियारों में हमारे पूजनीय राम के अलग-अलग स्वरूपों को लेकर नई बहस छिड़ गई है। कांग्रेस कहती है हम तो मां कौशल्या के गोद में बैठे राम की पूजा करते हैं जबकि भाजपा युद्धक राम की। तो सवाल ये कि किसके हैं कौन से राम.?
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छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति और छत्तीसगढ़ियावाद के मुद्दे पर सूबे का सियासी पारा लगातार चढ़ता ही जा रहा है। वार-पलटवार का सिलसिला बदस्तूर जारी है. इस विवाद में अब भगवान राम की भी एंट्री हो गई है। दरअसल कैबिनेट मंत्री रविंद्र चौबे ने बीजेपी और कांग्रेस के राम को ही बांट दिया। रविंद्र चौबे ने कहा कि हम माता कौशल्या के गोद में बैठे राम की पूजा करते हैं जबकि BJP युद्धक राम की प्रतिमा लगाती हैं। हालांकि बीजेपी ने भी काउंटर अटैक करने में देरी नहीं की।
वैसे छत्तीसगढ़ की राजनीति में ये पहला मौका नहीं है जब सियासी दलों ने राम के नाम पर अपना पॉलिटिक्स के लिए स्कोप ढूंढा हो. बीजेपी और कांग्रेस दोनों खुद को सबसे बड़ा रामभक्त और विरोधी को राम के नाम पर राजनीति करने वाला बताते रहे हैं। फिलहाल छत्तीसगढ़ियावाद पर छिड़े विवाद के बीच श्रीराम का कांग्रेसी स्वरुप बनाम बीजेपी स्वरुप ने एक बार फिर प्रदेश की जनता में भी भारी कन्फ्यूजन पैदा करेगा कि उनके वाले राम कौन से हैं ?