2023′ की तैयारी, धर्म-धर्मांतरण से दूरी! 2023 के लिए क्या होगा कांग्रेस का चुनावी प्लान?

Preparation for '2023', distance from conversion!

2023′ की तैयारी, धर्म-धर्मांतरण से दूरी! 2023 के लिए क्या होगा कांग्रेस का चुनावी प्लान?
Modified Date: November 29, 2022 / 08:35 pm IST
Published Date: January 3, 2022 11:24 pm IST

रायपुरः गांव, गरीब, किसान और धान के मुद्दे पर लगातार पिछड़ रही छत्तीसगढ़ बीजेपी दोबारा खड़े होने के लिए शराबबंदी के अलावा जिस मुद्दे पर सबसे ज्यादा मुखर है तो वो है धर्मांतरण। शायद यही वजह है कि बस्तर में चिंतन शिविर के बाद बीजेपी नेता प्रदेश में धर्मांतरण के मुद्दे को लगातार हवा दे रहे हैं। सियासी गलियारों में ये भी चर्चा है कि बीजेपी विधानसभा चुनाव में इसी मुद्दे को भुनाने में जुटी है लेकिन निकाय चुनाव में बीजेपी का ये प्लान ज्यादा काम नहीं किया। दूसरी ओर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने साफ कर दिया है कि धर्म और धर्मांतरण कांग्रेस के लिये कोई चुनावी मुद्दा नहीं है।

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पिछले कुछ महीनों में बीजेपी नेता सत्ता पक्ष पर धर्मांतरण को संरक्षण देने का आरोप लगाते रहे हैं। इस मुद्दे पर पार्टी कितनी आक्रामक है। इसकी बानगी भी पिछले कुछ महीनों में सबने देखा है। हालांकि कांग्रेस इन आरोपों को सिरे से खारिज करती रही है। धर्मांतरण पर जारी वार-पलटवार के बीच कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने दो टूक कह दिया है कि धर्म और धर्मांतरण कांग्रेस के लिए कोई मुद्दा नहीं है। बीजेपी इसके जरिए केवल जनता को मूल मुद्दों से भटकाने की कोशिश करती है लेकिन निकाय चुनाव के नतीजों से बीजेपी को सबक लेनी चाहिए। पुनिया ने केंद्र सरकार पर भी जमकर निशाना साधा।

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निकाय चुनाव में मिली जीत से उत्साहित कांग्रेस 2023 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। बूथ लेवल पर संगठन को मजबूत करने पुनिया कार्यसमिति की बैठक में शामिल होने रायपुर में हैं। इसी दौरान पुनिया ने साफ किया कि धर्म और धर्मांतरण पार्टी के लिए कोई मुद्दा नहीं। जिस पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने पलटवार किया कि बीजेपी के लिए धर्मांतरण चुनावी मुद्दा नहीं बल्कि धर्म और संस्कृति का मुद्दा है।

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विपक्ष भले आरोप लगाए कि निकाय चुनावों में मुद्दा नहीं धन, बल और छल चला है, लेकिन नतीजे बताते हैंकि चुनाव में बीजेपी के धर्मांतरण समेत सारे मुद्दे फेल हो गए। ज्यादातर निकायों में कांग्रेस को जनादेश मिला है। अब सवाल ये है कि निकाय चुनाव के नतीजों से बीजेपी कोई सबक लेगी? वहीं पुनिया ने जब साफ कर दिया है कि धर्मांतरण कांग्रेस का चुनावी मुद्दा नहीं है तो सवाल है कि 2023 के लिये क्या होगा कांग्रेस का चुनावी प्लान?

 


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।