Vande Bharat: कांग्रेस मीटिंग में बड़ा फैसला, चौबे पर कार्रवाई का प्रस्ताव पास, देखें वीडियो
CG Congress: कांग्रेस मीटिंग में बड़ा फैसला, चौबे पर कार्रवाई का प्रस्ताव पास, देखें वीडियो
CG Congress | Photo Credit: IBC24
- रायपुर कांग्रेस मुख्यालय में मैराथन मीटिंग्स, कई बड़े फैसले
- 9 सितंबर से ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ अभियान की होगी शुरुआत
- पूर्व मंत्री रवीन्द्र चौबे के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव पारित
रायपुर: CG Congress छत्तीसगढ़ कांग्रेस मुख्यालय में बुधवार का दिन काफी गहमा-गहमी और ब्रेक्रिंग न्यूज देने वाला रहा। कांग्रेस जिलाध्यक्षों की बैठक में महंत ने दो टूक नसीहत दी तो बैज ने बस्तर में बाढ़ प्रभावितों के लिए कांग्रेस के काम गिनाए। बैज ने दावा किया कि कांग्रेस कार्यकर्ता राहत सामग्री जुटा रहे हैं। 9 सितंबर को कांग्रेस न्यायधानी में एक बड़ा अभियान ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ करने जा रही है जिसकी जिम्मेदारी नेता प्रतिपक्ष को सौंपी गई है।
CG Congress छत्तीसगढ़ कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व मंत्री रवीन्द्र चौबे इसी बयान के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस में हड़कंप मच गया। चौबे ने पूर्व CM भूपेश बघेल को पार्टी की कमान सौंपे जाने की बात, खुले मंच से की थी। इसे स्थानीय नेतृत्व के खिलाफ माना गया, आलाकमान से सीधे शिकायत की गई। मामला कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक तक पहुंचा, आज रायपुर में कांग्रेस मुख्यालय पर कांग्रेस वर्किंग कमेटी बैठक में पूर्व मंत्री रविंद्र चौबे के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव सर्व सम्मति से पारित हो गया। बताया गया कि जल्द ही कांग्रेस हाईकमान इस फैसला ले सकते हैं।
इससे पहले कांग्रेस जिला-शहर अध्यक्षों की बैठक में ब्लॉक, मंडल, सेक्टर कमेटियों की समीक्षा की गई। वोट चोर गद्दी छोड़ अभियान की रणनीति बनी। बैठक में मौजूद नेता प्रतिपक्ष डॉ महंत ने पार्टी में पद को लेकर बयानबाजी पर जिला अध्यक्षों को समझाइश देते हुए कहा कि, सभी जिला अध्यक्ष अपने-अपने चमचों को संभालें। बयान पर BJP सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने तीखा कटाक्ष किया कहा कि कांग्रेस में तो हर नेता किसी न किसी का चमचा है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी में कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में, बुधवार को कांग्रेस मुख्यालय पर मैराथन मीटिंग्स का दौर चला। जिसमें चौबे के मामले में अनुशासनहीनता की कार्रवाई, महंत की दो टूक नसीहत और वोट चोर गद्दी छोड़ अभियान की तैयारी पर बात हुई है। देखना ये है कि इस कवायद से विपक्ष के जमीनी एक्शन में कसावट आती है या जुबानी बवंडर बढ़ता है।

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