Balrampur News: स्कूल का गंदा पानी पीने से हुई छात्रा की मौत से उठे सवाल… एक छात्र को पीलिया, कई बीमार! प्रशासन बेखबर
वाड्रफनगर में कक्षा 10 की छात्रा रीति देवी को तेज बुखार, पीलापन और उल्टी की शिकायत हुई। अगले दिन अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने पुष्टि की कि वह पीलिया (जॉन्डिस) से ग्रस्त थी। इस बीच, विद्यालय के अन्य छात्र भी इसी तरह की बीमारी की शिकायत करने लगे।
- बलरामपुर में एक छात्र की पीलिया से मौत हुई।
- स्कूल में गंदे पानी से कई बच्चे बीमार पड़े।
- प्रशासन को समस्या की जानकारी नहीं थी
Balrampur News: Vadrafnagar: रघुनाथनगर के स्वामी आत्मानंद स्कूल में पढ़ने वाली एक छात्रा की पीलिया (जॉन्डिस) से मौत हो गई है। ये घटना न सिर्फ इलाके में शोक का विषय बनी हुई है, बल्कि स्कूल और प्रशासनिक व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रही है। ये घटना न सिर्फ इलाके में शोक का विषय बनी हुई है बल्कि स्कूल और प्रशासनिक व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रही है। बताया जा रहा है कि स्कूल में गंदे पीने के पानी के कारण पीलिया का संक्रमण फैला, जिससे कई बच्चे बीमार हुए और एक छात्रा की मौत तक हो गई।
परिजनों का आरोप
मृतक छात्रा की पहचान 13 वर्षीय 8वीं की छात्रा के रूप में हुई है। परिजनों का आरोप है कि पिछले कुछ हफ्तों से स्कूल में बच्चों को गंदा पानी पीने को मजबूर किया जा रहा था। कई बार शिकायत के बावजूद स्कूल प्रबंधन और प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया और इसके चलते बच्ची की तबीयत बिगड़ने पर उसे पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया लेकिन हालत गंभीर होने के कारण उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया जहां इलाज़ के दौरान की मौत हो गई।
स्कूल में कई छात्र बीमार
Balrampur News: Vadrafnagar: लोगों और बच्ची के अभिभावकों का कहना है कि स्कूल में एक महीने से ज्यादा समय से गंदा पानी सप्लाई हो रहा है। कुछ बच्चों में उल्टी, बुखार, और आंखों और शरीर में पीलापन जैसे लक्षण दिखने लगे थे। ये स्पष्ट संकेत था कि पीलिया फैल चुका है लेकिन समय रहते कार्रवाई नहीं की गई। छात्रा की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम स्कूल पहुंची और जांच के लिए पानी के सैंपल लिए गए हैं।
प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल
अब तक प्रशासन की ओर से कोई स्पष्ट बयान सामने नहीं आया है और न ही किसी जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई की गई है। मृतका के परिजनों ने आरोप लगाया है कि अगर समय रहते इलाज और साफ़ पानी की व्यवस्था की गई होती तो उनकी बेटी की जान बचाई जा सकती थी। गांववालों और सामाजिक संगठनों ने भी मामले की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
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