Municipal corporation could not free hold the shop even after ten months of instructions
रायगढ़। राज्य शासन ने प्रदेश के सभी नगरीय निकायों को उनके द्वारा निर्मित दुकानों को फ्री होल्ड करने का निर्देश दिया है, लेकिन जानकर हैरत होगी कि निर्देश जारी के दस महीने के बाद भी नगर निगम एक भी दुकान को फ्री होल्ड नहीं कर पाई है। निगम की दुकानों में काबिज दुकानदार फ्री होल्ड के लिए नगर निगम दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं। इधर भाजपा शहर सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रही है।
दरअसल राज्य शासन ने जुलाई 2022 में निकाय क्षेत्र में निकायों के द्वारा निर्मित दुकानों को फ्री होल्ड स्कीम से जोडने और दुकानों में काबिज लोगों को दुकानों का मालिकाना हक देने की घोषणा की थी। योजना के तहत शुल्क लेकर दुकानों को फ्री होल्ड किया जाना था। सभी निकायों को इस संबंध में सर्कुलर भी जारी किया गया था, लेकिन निर्देश जारी होने के दस महीने के बाद भी नगर निगम रायगढ़ शहर में एक भी दुकान को फ्री होल्ड नहीं कर पाया है। कुछ दुकानों में जमीन संबंधी दिक्कतें हैं तो कुछ की सडकें मास्टर प्लान के मुताबिक कम चौड़ी हैं। ऐसे में नगर निगम कार्रवाई आगे नहीं बढा पा रहा है। इधर मामले को लेकर भाजपा सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगा रही है।
भाजपा का कहना है कि नगर निगम ने जमीनों की जांच पडताल किये बिना प्लानिंग किए बगैर अनाप शनाप दुकानों का निर्माण किया और अब फ्री होल्ड में आनाकानी की जा रही है। जब सरकार ने घोषणा की है तो इसे अमल में लाने की जिम्मेदारी नगर निगम की है। लेकिन निगम अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है। इधऱ मामले में निगम की अपनी ही दलील है। मामले में मेयर का कहना है कि जमीनों का हस्तांतरण नहीं होने के कारण फ्री होल्ड में दिक्कतें हैं। चूंकि सडकों की चौडाई मास्टर प्लान के अनुरुप नहीं है लिहाजा अगर दुकानों को फ्री होल्ड किया जाता है तो बाद में वे तोड़फोड़ की जद में आएंगी। लिहाजा राज्य शासन से इस संबंधमें मार्गदर्शन मांगा गया है। जल्द ही इस दिशा में कार्रवाई आगे बढाई जाएगी। IBC24 से अविनाश पाठक की रिपोर्ट
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