मूर्तिकारों पर फिर मंडराया कोरोना का संकट, गणेशोत्सव को लेकर Guideline जारी

मूर्तिकारों पर फिर मंडराया कोरोना का संकट! Raipur District Administration Issued Guideline for Ganeshotsav

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  • Publish Date - July 29, 2021 / 11:56 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:56 PM IST

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रायपुर: दो सालों से देशभर के मूर्ति कारोबार पर कोरोना संक्रमण का असर दिख रहा है। छत्तीसगढ़ भी इससे अछूता नहीं है। इस साल भी गणेशोत्सव को लेकर कड़ी गाइडलाइन जारी की गई है, जिसके चलते पूरे प्रदेश में लगभग 200 करोड़ रुपये की मूर्तियां फिर अटक गई हैं। यानी एक बार फिर मूर्तिकारों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।

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गजानन की ये बड़ी-बड़ी मूर्तियां, जो कभी गणेशोत्सव में पंडाल की शोभा बढ़ाती थीं, जिन मूर्तियों को लेकर आयोजन समिति के बीच प्रतिस्पर्धा होती थी, वो कलात्मक मूर्तियां आज कलाकारों के गोडाउन में रखी हैं। लगभग 210 करोड़ रुपए की लागत से इन्हें तैयार किया गया है. पिछले साल भी ठीक गणेशोत्सव के पहले कोरोना गाइडलाइन जारी की गई, जिसने मूर्तिकारों के सामने संकट पैदा कर दिया। गाइडलाइन के तहत बड़ी मूर्तियों पर रोक लगाते हुए सिर्फ छोटी मूर्तियों की ही अनुमति दी गई, आनन-फानन में मूर्तिकारों ने छोटी मूर्तियां बनाकर बेचीं, लेकिन इससे उन्हें मुनाफा नहीं हुआ, बामुश्किल लागत निकली।

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यही चिंता इस साल है। संक्रमण काल के दूसरे साल भी सिर्फ छोटी मूर्तियों के लिए ही छूट मिली है, जिससे मूर्तिकारों की उम्मीदों पर फिर पानी पड़ गया। प्रदेश में 12 हजार से ज्यादा मूर्तिकार हैं और औसतन एक मूर्तिकार लगभग 100 मूर्ति बनाता है। इस लिहाज से पिछले साल 12 लाख मूर्तियां बनीं, लेकिन उसमें से सिर्फ आधी बिकीं और आधी डेड स्टॉक में चली गईं। आज भी मूर्तिकारों के गोडाउन में रखी करोड़ों की ये मूर्तियां अपनी बारी का इंतजार कर रही हैं। इतनी बड़ी राशि के जाम होने से मूर्तिकारों के सामने आर्थिक संकट छा गया है, जिसने उनके चेहरे की हंसी छीन ली है।

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बच्चे उस गरीब के खाना खा सकें त्योहारों में, इसलिए भगवान खुद बिक जाते हैं बाजारों में उम्मीद है भूख की ये जंग जल्द ही खत्म हो और उत्सव का उत्साह मूर्तिकारों के चेहरे पर दिखाई दे।

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