Publish Date - December 7, 2025 / 05:01 PM IST,
Updated On - December 7, 2025 / 05:03 PM IST
CM Vishnu Deo Sai on Land Guideline/Image Source: IBC24
HIGHLIGHTS
जमीन गाइडलाइन पर सीएम विष्णु देव साय का बयान
2017 से गाइडलाइन दर में बढ़ोतरी नहीं हुई थी- CM
अगर जनता को कष्ट होगी तो विचार होगा: CM
रायपुर:CM Vishnu Deo Sai on Land Guideline: छत्तीसगढ़ में हाल ही में भूमि गाइडलाइन दरों में भारी वृद्धि के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस मुद्दे पर बयान देते हुए कहा कि 2017 के बाद से गाइडलाइन दरों में कोई वृद्धि नहीं हुई थी जबकि नियमों के तहत हर साल इन दरों में संशोधन किया जाना चाहिए।
जमीन गाइडलाइन में बढ़ोतरी पर सीएम का बयान (Chhattisgarh land guideline rates)
सीएम साय ने कहा कि जमीन के दामों में वृद्धि अनिवार्य थी क्योंकि समय के साथ सभी चीजों की कीमतों में बढ़ोतरी होती है। साय ने कहा की यह बढ़ोतरी कई सकारात्मक पहलू लेकर आई है लेकिन फिलहाल वे पहलू जनता के सामने स्पष्ट नहीं हो पा रहे हैं।
CM Vishnu Deo Sai on Land Guideline: मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें मंथन करना पड़ रहा है और यह देखा जा रहा है कि क्या अच्छे पक्ष लोगों तक पहुंच पा रहे हैं। साथ ही उन्होंने जनता को आश्वस्त किया कि अगर नई गाइडलाइन दरों से जनता को कोई असुविधा या कष्ट होता है तो सरकार स्थिति की पुनः समीक्षा करेगी और लोगों को राहत देने के उपायों पर विचार करेगी।
छत्तीसगढ़ में "भूमि गाइडलाइन दरों" में वृद्धि क्यों की गई?
छत्तीसगढ़ में भूमि गाइडलाइन दरों में वृद्धि 2017 के बाद पहली बार की गई है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बताया कि यह बढ़ोतरी समय की जरूरत थी, क्योंकि हर साल गाइडलाइन दरों में संशोधन किया जाना चाहिए और भूमि के दामों में वृद्धि अनिवार्य है क्योंकि अन्य चीजों की कीमतों में भी बढ़ोतरी हो रही है।
क्या "भूमि गाइडलाइन दरों" में वृद्धि से जनता को कोई परेशानी होगी?
मुख्यमंत्री ने इस बारे में आश्वस्त करते हुए कहा कि अगर नई गाइडलाइन दरों से जनता को किसी प्रकार की असुविधा या कष्ट होता है, तो सरकार इस मुद्दे की पुनः समीक्षा करेगी और राहत देने के उपायों पर विचार करेगी।
छत्तीसगढ़ सरकार की "भूमि गाइडलाइन दरों" में वृद्धि के बाद जनता को क्या फायदा होगा?
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बढ़ोतरी के कई सकारात्मक पहलू हैं, हालांकि फिलहाल वे जनता के सामने स्पष्ट नहीं हो पा रहे हैं। सरकार इन पहलुओं पर मंथन कर रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बढ़ोतरी का फायदा लोगों तक पहुंचे।