Dial 112 Bolero in Chhattisgarh: खड़े-खड़े कबाड़ हो जाएंगे डायल 112 के लिए खरीदे गए 374 बोलेरो? टेंडर जारी होने के डेढ़ साल बाद भी नहीं मिली कंपनी, विधानसभा में सरकार ने दिया जवाब
Dial 112 Bolero in Chhattisgarh: खड़े-खड़े कबाड़ जाएंगे डायल 112 के लिए खरीदे गए 374 बोलेरो? टेंडर जारी होने के डेढ़ साल बाद भी नहीं मिली कंपनी, विधानसभा में सरकार ने दिया जवाब
Dial 112 Bolero in Chhattisgarh: खड़े-खड़े कबाड़ जाएंगे डायल 112 के लिए खरीदे गए 374 बोलेरो? Image Source: IBC24
- 374 बोलेरो गाड़ियाँ 14 महीने से खड़ी हैं
- 32.91 करोड़ रुपए खर्च कर खरीदी गई
- डायल 112 सेवा के लिए कंपनी चयन प्रक्रिया अभी जारी
रायपुर: Dial 112 Bolero in Chhattisgarh छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र का चौथा दिन है और आज सदन में पीसीसी चीफ दीपक बैज की जासूसी किए जाने को लेकर सदन में जमकर हंगामा देखने को मिला। वहीं, इस मुद्दे को लेकर विपक्ष के सदस्यों ने दिनभर के लिए कांग्रेस सदन का बहिष्कार करने का फैसला किया है। बता दें कि पीसीसी चीफ दीपक बैज ने दंतेवाड़ा के दो पुलिसकर्मियों पर उनकी रेकी करने का आरोप लगाया है। वहीं, विधानसभा के पटल पर आज एक और महत्वपूर्ण मुद्दे पर विपक्ष के विधायक ने सरकार से जवाब मांगा है।
Dial 112 Bolero in Chhattisgarh दरअसल बीते दिनों ये मामला सामने आया था कि डायल 112 के लिए खरीदी गई 400 बोलेरो खड़े-खड़े ही कबाड़ हो रही है। वहीं, इस मुद्दे को लेकर विधानसभा में कांग्रेस विधायक इंद्र साव ने सरकार से जवाब मांगा है। इंद्र साव ने सदन के पलट पर प्रश्न रखते हुए कहा कि क्या गृह विभाग द्वारा डायल 112 इंमरजेंसी के लिए 400 करोड़ रुपए से अधिक खर्च कर 400 बोलेरो खरीदी गई थी? यदि हां तो 400 बोलेरो गाड़ियों के लिए डायल 112 हेतु विभाग द्वारा इसके संचालन के लिए टेंडर जारी किया गया? यदि हां तो वाहनों के संचालन की अभी क्या स्थिति है और ये 400 बोलेरो वाहन अभी कहां हैं?
विधायक इंद्र साव के इस सवाल के जवाब में गृह मंत्री विजय शर्मा ने लिखित जवाब पेश करते हुए बताया कि 29 दिसंबर 2023 को डायल 112 इमरजेंसी के लिए 32,91,51,305 रुपए खर्च कर 374 बोलेरो खरीदी गई थी। डायल 112 के द्वितीय चरण के लिए 12.06.2023 को टेंडर जारी किया था। उन्होंने बताया कि सभी गाड़ियां 3री वाहनी में सुरक्षित रखी गई है और योजना का क्रियान्वयन किया जाना है। उन्होंने बताया कि योजना के क्रियान्वयन के लिए कंपनी की चयन प्रक्रिया जारी है।
अब सोचने वाली बात ये है कि 374 गाड़ियां जो 32,91,51,305 रुपए खर्च कर खरीदी गई है वो पिछले 14 महीने से धूल खा रही है। वहीं, एक बात और गौर करने वाली बात है कि डायल 11 जैसी संवेदनशील सेवा के लिए सरकार डेढ़ साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी कंपनी का चयन नहीं कर पाई है। ऐसे में अब देखने वाली बात होगी कि क्या ये गाड़ियां खड़े-खड़े ही कबाड़ जाएंगी? या सरकार योजना को लागू कर पाएगी।

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