CG Vidhan Sabha Budget Session। Image Credit : File Photo
CGMSC Scam: रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र में अंतिम दिन CGMSC की 660 करोड़ की खरीदी में बड़ी घोषणा की गई है। बता दें कि, रिजेंट खरीदी की जांच EOW से कराई जाएगी। मोक्षित कंपनी की रिजेंट सप्लाई की जांच होगी। ध्यानाकर्षण के दौरान मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने यह घोषणा की है।
बिना डिमांड के रिजेंट सप्लाई
बता दें कि बिना जरूरी, बिना डिमांड के रिजेंट सप्लाई की गई। 28 करोड़ की रिजेंट बर्बाद, और भी खराब हो सकती है। पिछली सरकार में सुनियोजित रूप से भ्रष्टाचार हुआ। बीजेपी विधायकों को मांग पर ईओडब्ल्यू जांच की घोषणा हुई है। दरअसल, ध्यानाकर्षण में भाजपा के सीनियर विधायक धरमलाल कौशिक ने सीजीएमएससी की तरफ से की गयी दवा व रीएजेंट खरीदी में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया। धरमलाल कौशिक ने सदन में कहा कि, CGMSC की तरफ से 660 करोड़ की दवा खरीदी की गयी थी। इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। वैसी दवाई और सामानों की खरीदी की गयी, जिसकी ना तो जरूरत थी और ना ही डिमांड की गयी थी।
दवा खरीदी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी
धरमलाल कौशिक ने आरोप लगाया कि, दवा खरीदी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है, इसकी जांच की जानी चाहिये। जवाब में मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने रीएजेंट खरीदी मामले में जांच की घोषणा की। मंत्री ने कहा कि EOW से रीएजेंट खरीदी की जांच करायी जायेगी। मोक्षित कंपनी की तरफ से रीएजेंट की सप्लाई की गयी है, सदन में इस मामले में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का आरोप लगाया गया, जिस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जांच में सब कुछ स्पष्ट हो जायेगा।
28 करोड़ का रीएजेंट बर्बाद
सदन में दवा खरीदी को लेकर सत्ता पक्ष के ही विधायक लगातार स्वास्थ्य मंत्री को घेरते रहे। सत्ता पक्ष के विधायकों ने आरोप लगाया कि बिना जरूरत और बिना डिमांड के ही रीएजेंट की सप्लाई की गयी। इसके जवाब में मंत्री ने इस बात का स्वीकार किया कि 28 करोड़ का रीएजेंट बर्बाद हुआ है, आने वाले दिनों में ये और भी खराब हो सकता है। भाजपा विधायकों ने दवा खरीदी को लेकर पिछली सरकार में इसे सुनियोजित भ्रष्टाचार बताया। भाजपा विधायकों की मांग पर सदन में मंत्री ने ईओडब्ल्यू जांच की घोषणा की।
CGMSC (Chhattisgarh Medical Services Corporation) छत्तीसगढ़ सरकार का एक संगठन है, जो राज्य में चिकित्सा उपकरणों और दवाओं की खरीदी और वितरण का काम करता है।
इस खरीदी में कथित रूप से अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की आशंका जताई गई है, जिसके लिए जांच की घोषणा की गई है।
इस मामले की जांच EOW (Economic Offences Wing) द्वारा की जाएगी।
रिजेंट खरीदी में प्रयोगशाला और चिकित्सा उपकरणों के लिए आवश्यक केमिकल्स और सामग्रियों की खरीदी शामिल है।
मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने विधानसभा में घोषणा की कि मोक्षित कंपनी की रिजेंट सप्लाई की जांच EOW से कराई जाएगी।