हरेली चुनाव वाली! परंपरा-संस्कृति, चुनावी रणनीति, क्या चुनावी साल में दिखावे की राजनीति हावी ?

हरेली चुनाव वाली! परंपरा-संस्कृति, चुनावी रणनीति : Hareli election wali! Tradition-culture, election strategy, will the politics

  •  
  • Publish Date - July 17, 2023 / 11:44 PM IST,
    Updated On - July 17, 2023 / 11:46 PM IST

रायपुर । छत्तीसगढ़ के चुनावों में इस बार छत्तीसगढ़ियावाद का मुद्दा बड़ा असर डाल सकता है। हरेली के मौके पर आज एक बार फिर छत्तीसगढ़ी अस्मिता को लेकर सियासत देखने को मिली। सीएम हाउस में पारंपरिक अंदाज में हरेली का त्योहार मनाया गया। तो वहीं बीजेपी भी पीछे नहीं दिखी। बीजेपी प्रदेश दफ्तर में भी हरेली त्योहार के रंग देखने को मिले। त्योहार पर अपने-अपने रंग दिखे। तो दोनों दलों की ओर से सियासत के रंग भी नजर आए। आखिर दोनों दल हरेली पर क्यों आए आमने-सामने। ये रंग है छत्तीसगढ़ के पहले त्योहार का।  हरियाली के उत्सव का 2023 चुनावी साल है। हालांकि छत्तीसगढ़ी संस्कृति और अस्मिता को लेकर कांग्रेस और भाजपा पिछले चार सालों से आमने सामने हैं। हरेली के मौके पर एक बार फिर सियासत नजर आई। सीएम भूपेश बघेल ने एक बार फिर पारंपरिक अंदाज में हरेली का त्योहार मनाया। सीएम हाउस के दरवाजे हर किसी के लिए खोल दिए गए। यहां पारंपरिक अंदाज में सजावट की गई। छत्तीसगढ़ी नर्तकों और लोक कलाकारों ने मेले जैसा माहौल बना दिया। सीएम भी पारंपरिक अंदाज में गेड़ी चढ़ते और रइचुली का मजा लेते नजर आए । गौमाता का पूजन कर उन्होंने पारंपरिक खिचड़ी खिलाई। दूसरी ओर भाजपा कार्यालय में भी हरेली की धूम नजर आई। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कृषि यंत्रों और गौमाता की पूजा की। वे गेड़ी चढ़ते भी नजर आए। भाजपा महिला मोर्चा की महिलाओं ने भी हरे रंगों के साथ हरेली सेलिब्रेट किया। हालांकि त्योहार के जश्न के बहाने कांग्रेस और भाजपा के नेता एक दूसरे पर निशाना साधते भी नजर आए।

यह भी पढ़े :  मंगलवार को इन राशियों पर बरसेगी बजरंगबली की कृपा, जातकों की चमक उठेगी किस्मत, होगा धन लाभ 

भारतीय जनता पार्टी ने भी आज कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में हरेली त्यौहार मनाया। भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की पदाधिकारी और कार्यकर्ता आज छत्तीसगढ़ की पारंपरिक वेशभूषा में तैयार होकर कुशाभाऊ ठाकरे परिसर पहुंची, जहां पर उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और पूर्व मंत्री केदार कश्यप के साथ कृषि यंत्रों की परंपरागत ढंग से पूजा अर्चना की। महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने इस मौके पर सुआ नाच किया फुगड़ी भी खेली, जमकर सेल्फी भी ली। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और केदार कश्यप ने गैडी भी चढ़ी। भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष शालिनी राजपूत ने कहा कि हरेली के मौके पर भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने महिलाओं के खेल खेले भगवान शिव और कृषि यंत्रों की पूजा कर छत्तीसगढ़ की सुख समृद्धि शांति और प्रदेश में भाजपा को सरकार बनाने की कामना की है। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने हरेली में भाजपा हमारी नकल कर रही है सीएम भूपेश बघेल के इस बयान का पलटवार करते हुए कहा कि सीएम भूपेश बघेल दिखावा न करें। हरेली का त्योहार भूपेश बघेल के आने के बाद से मनाया जा रहा है ऐसा नहीं है। हमारी संस्कृति और सभ्यता समृद्ध है।

यह भी पढ़े :  बीमारू उत्‍तर प्रदेश की बदल रही तस्वीर, समृद्ध हो रहा प्रदेश, नितिन गडकरी ने दिया बड़ा बयान… 

छत्तीसगढ़ में हरेली के अवसर पर आज एक बार फिर छत्तीसगढ़ी अस्मिता को लेकर सियासत देखने मिली। सीएम हाउस में पारंपरिक अंदाज में हरेली का त्योहार मनाया गया। तो वहीं बीजेपी ने भी रायपुर कार्यालय में हरेली पूरे रीति रिवाज से सेलिब्रेट किया। सीएम भी पारंपरिक अंदाज में गेड़ी चढ़े। गौमाता का पूजन कर उन्होंने पारंपरिक खिचड़ी खिलाई। दूसरी ओर भाजपा कार्यालय में भी हरेली की धूम नजर आई। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कृषि यंत्रों और गौमाता की पूजा की। हालांकि त्योहार के जश्न के बहाने कांग्रेस और भाजपा के नेता एक दूसरे पर निशाना साधते भी नजर आए। सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि 15 सालों में कभी भाजपा ने प्रदेश की संस्कृति को आगे नहीं बढ़ाया। वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि भूपेश बघेल के आने के बाद तीज त्योहार मनाया जा रहा है, ऐसा नहीं है।प्रदेश की संस्कृति और परंपरा का भाजपा हमेशा सम्मान करती रही है।