रायपुर। Lok Sabha Election 2024: रायपुर में भाजपा के प्रत्याशी के ऐलान के बाद ही कांग्रेस की मुश्किल बढ़ गई है। दरअसल, रायपुर लोकसभा सीट से बृजमोहन अग्रवाल का नाम आते ही कांग्रेस के माथे पर चिंता की लकीर खिंच गई है। रायपुर दक्षिण से आठ बार के विधायक बृजमोहन अग्रवाल प्रदेश के दिग्गज और अजेय नेताओं में से एक हैं।
रायपुर लोकसभा सीट में नौ विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इसके पहले 2019 के चुनाव में रायपुर लोकसभा क्षेत्र में आने वाली इन नौ विधानसभा क्षेत्रों में से छह सीटों पर कांग्रेस का कब्जा था, जबकि दो पर भाजपा और एक पर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने जीत दर्ज की थी। इसके बावजूद कांग्रेस रायपुर सीट हारने से नहीं बचा सकी थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सुनील सोनी ने कांग्रेस के निकटतम प्रतिद्वंदी प्रमोद दुबे को लगभग साढ़े तीन लाख वोटों से मात दी थी।
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Lok Sabha Election 2024: इस सीट के इतिहास की बात करें तो आखिरी बार 1984 में कांग्रेस के प्रत्याशी केयूर भूषण ने 2,23,192 से जीत हासिल की थी। उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी रमेश बैस को एक लाख से अधिक मतों से हराया था। 1980 के चुनाव में भी केयूर भूषण ही सांसद बने थे।
रायपुर लोकसभा में इस बार नौ विधानसभा सीटों में से आठ पर बीजेपी के विधायक हैं। रायपुर संसदीय क्षेत्र में इस बार एकमात्र भाटापारा की सीट पर कांग्रेस का विधायक हैं। ऐसे में कांग्रेस की चुनौतियां काफी ज्यादा हो गई हैं। दूसरी तरफ भाजपा ने इस बार रायपुर दक्षिण सीट से आठ बार के विधायक और साय सरकार में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को मैदान में उतार दिया है।
बृजमोहन अग्रवाल भाजपा में बड़े कद के नेता हैं। ऐसे में कांग्रेस के लिए उनके स्तर का प्रत्याशी चुनना आसान नहीं दिखाई नहीं दे रहा है। ऐसे में इस बार भी रायपुर लोकसभा सीट जीतना कांग्रेस के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है।
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रायपुर लोकसभा क्षेत्र में भाजपा ने तो अपना प्रत्याशी उतार करके ये दिखा दिया है कि वे किसी भी कीमत पर चुनाव हारना नहीं चाहते। वहीं, कांग्रेस ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। इसी बीच मोदी की गारंटी और लहर का प्रभाव पिछले दो चुनाव से देखने को मिल रहा है और 33 वर्षों से यह सीट कांग्रेस के खाते में नहीं जा पाई है। ऐसे में रायपुर लोकसभा से चुनाव लड़ना बलि का बकरा बनने जैसा ही दिखाई दे रहा है।
लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम की बात करें तो रायपुर लोकसभा के अंतर्गत आने वाली एक भी विधानसभा सीट पर कांग्रेस को बढ़त नहीं मिल पाई थी। भाटापारा ही एकमात्र ऐसी विधानसभा थी, जहां कांग्रेस सिर्फ 252 मतों से पीछे रही। इसके अलावा अन्य सभी विधानसभा सीटों में अंतर बड़ा था।
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– बीते चुनाव में 13,91,958 कुल मत
– 8,37,902 मत भाजपा को
– 60.20 प्रतिशत वोट भाजपा को
– 4,89,664 मत कांग्रेस को
– 35.18 प्रतिशत वोट कांग्रेस को
– 3,48,238 मतों से जीती भाजपा