Nand Kumar Baghel: विवादों से घिरे रहे नंद कुमार बघेल.. धुर ब्राह्मण विरोधी छवि.. ताउम्र की बहुजन समाज की वकालत | Nand Kumar Baghel Biography

Nand Kumar Baghel: विवादों से घिरे रहे नंद कुमार बघेल.. धुर ब्राह्मण विरोधी छवि.. ताउम्र की बहुजन समाज की वकालत

Edited By :   Modified Date:  January 8, 2024 / 09:48 AM IST, Published Date : January 8, 2024/9:16 am IST

रायपुर: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नन्द कुमार बघेल के जीवन का सफर आज थम गया, इसके साथ ही खामोश हो गई वो मुखर आवाज जो हमेशा छत्तीसगढ़ के आदिवासी, दलित, पिछड़े और समूचे बहुजन समाज के हित के लिए उठती रही। कट्टर ब्राह्मण विरोधी छवि वाले नन्द कुमार बघेल ने आज राजधानी रायपुर के एक निजी अस्पताल में आखिरी सांस ली। वह पिछले तीन महीनों से अस्पताल में दाखिल थे, जहां उनका उपचार चल रहा था। नंदकुमार बघेल 89 साल के थे और उन्हें ब्रेन और स्पाइन से संबंधित पुरानी बीमारी थी। इसके साथ-साथ उन्हें अनियंत्रित मधुमेह की भी शिकायत रही। नन्द कुमार के निधन के दौरान बेटे भूपेश दिल्ली के दौरे पर थे, पिता की निधन की खबर सुनते ही भूपेश बघेल दिल्ली से छत्तीसगढ़ लौट रहे हैं।

MPPSC 2022 Mains Exam: लोकसेवक बनने आज होगी मुख्य परीक्षा.. 13 हजार 600 से ज्यादा अभ्यर्थी होंगे शामिल

नंद कुमार बघेल बौद्ध धर्म के प्रबल समर्थक तो थे ही, ब्राह्मणों और सामान्य वर्ग के खिलाफ उनका रुख और भी मुखर था। वह अक्सर शोषित और वंचित वर्ग के हितों की बात करते हुए ब्राम्हणवाद पर हमला करना नहीं भूलते थे। उनकी मुखरता का आलम यह था कि कई मौकों पर वह कांग्रेस के ही सामान्य और ब्राम्हण नेताओं के खिलाफ खुलकर बयान देते थे। यही वजह थी कि बेटे भूपेश के साथ उनके वैचारिक मतभेद हमेशा बने रहे।

“रावण को मत मारो” के रचयिता

नन्द कुमार बघेल भले ही अपने आखिरी दिनों में अधिक सुर्खियों में रहे हो, लेकिन वह लम्बे वक़्त से सक्रियता से कार्य करते रहे। तत्कालीन अजीत जोगी के शासनकाल में उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। तब वह अपने किताब “रावण को मत मारो” को लेकर विवादों से घिरे थे। इस किताब को प्रतिबंधित भी कर दिया गया था। इसके लिए नन्द कुमार बघेल ने कोर्ट की भी लड़ाई लड़ी थी। इस मामले में नन्द कुमार बघेल को गिरफ्तार कर लिया गया था। तब जोगी कैबिनेट में बेटे भूपेश मंत्री थे। हालांकि उन्होंने इस मामले में हस्तक्षेप नहीं किया और कानून को अपना काम करने दिया।

Guna Latest News: गुना में बस के बाद अब ट्रेन एक्सीडेंट.. 2 की दर्दनाक मौत, इस तरह आएं चपेट में..

रायपुर में हुए थे गिरफ्तार

देश के इतिहास में यह पहला मौक़ा था जब बेटे के मुख्यमंत्री रहते उनके पिता को सलाखों के पीछे जाना पड़ा हो। ब्राम्हण विरोधी बयान की वजह से दो साल पहले उन्हें रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार करते हुए 15 दिनों के लिए अभिरक्षा में भेज दिया था। तब खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि कानून से ऊपर कोई नहीं हैं। यह नन्द कुमार बघेल की जिद थी कि उन्होंने अपने आखिरी सांस तक ब्राम्हणवाद के खिलाफ लड़ाई की बात कही थी। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद वह मतदाता जागृति मंच संस्था से जुड़े थे। इसके बैनर तले उन्होंने ईवीएम के खिलाफ भी मोर्चा खोला था।

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें