Latest press note of Maoists: छत्तीसगढ़ में युद्ध की स्थिति ही नहीं तो युद्धविराम कैसा?.. सरकार नक्सलियों से बातचीत के लिए तैयार: गृहमंत्री
गृहमंत्री ने आगे कहा कि सरकार के पास नक्सलियों के लिए बेहतरीन पुनर्वास नीति है। अगर वे आत्मसमर्पण करते हैं, तो उन्हें एक बेहतर जीवन जीने का मौका दिया जाएगा। सुनें पूरी प्रेसवार्ता
Peace talks between government and Naxal organization || Image- IBC24 news File
- नक्सलियों ने सरकार से ऑपरेशन बंद करने पर युद्धविराम की मांग की।
- लगातार हो रही मुठभेड़ों में नक्सलियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
- गृहमंत्री विजय शर्मा ने बातचीत के लिए उचित माध्यम तय करने की बात कही।
Peace talks between government and Naxal organization: रायपुर: बस्तर के जंगलों में लगातार मिल रही हार के बाद नक्सलियों ने अब सरकार से युद्धविराम की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में एक पत्र जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि अगर सरकार ऑपरेशन बंद करने का ऐलान करती है, तो वे भी लड़ाई रोकने को तैयार हैं।
सूत्रों के मुताबिक, यह पत्र नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी के प्रवक्ता अभय ने जारी किया है और इसे तेलुगु भाषा में लिखा गया है। ऐसा माना जा रहा है कि लगातार हो रही मुठभेड़ों में नक्सलियों को भारी नुकसान हुआ है, जिससे वे कमजोर महसूस कर रहे हैं। इसी वजह से उन्होंने यह पत्र जारी किया है। हाल के दिनों में सुरक्षा बलों ने कई बड़ी कार्रवाई की हैं, जिससे नक्सली संगठन पर दबाव बढ़ गया है।
गृहमंत्री विजय शर्मा का बयान
Peace talks between government and Naxal organization: नक्सलियों के इस पत्र पर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “छत्तीसगढ़ में युद्ध जैसी कोई स्थिति नहीं है, तो फिर युद्धविराम कैसा? राज्य और केंद्र सरकार नक्सलियों से बातचीत के लिए तैयार है। इसके लिए एक उचित माध्यम तय किया जाना चाहिए, ताकि बातचीत से कोई ठोस समाधान निकाला जा सके।”
गृहमंत्री ने आगे कहा कि सरकार के पास नक्सलियों के लिए बेहतरीन पुनर्वास नीति है। अगर वे आत्मसमर्पण करते हैं, तो उन्हें एक बेहतर जीवन जीने का मौका दिया जाएगा। सुनें पूरी प्रेसवार्ता
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