Reported By: Rajesh Raj
,Chhattisgarh Employees will get Rs 61 crore, file image
रायपुर: Chhattisgarh Employees will get Rs 61 crore, छत्तीसगढ़ के एक हजार से ज्यादा संस्थान ऐसे हैं। जो अपने कर्मचारियों के हक को खा रहे हैं। ये संस्थान अपने कर्मचारियों के भविष्य निधि का पैसा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ के पास जमा नहीं कर रहे हैं। ये राशि भी कोई दो चार लाख नहीं है। बल्कि 61 करोड़ से ऊपर की है। ईपीएफओ की तरफ से इन्हें कई बार चेतावनी भी दी गई, इसके बाद भी नहीं सुधरे। तो अब इनके खिलाफ विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर ने प्रदेश भर के ऐसे 1,167 डिफॉल्टर संस्थानों की लिस्ट तैयार की है। इसमें स्कूल, कॉलेज, अस्पताल से लेकर सिक्योरिटी एजेंसी और बिल्डर, समेत कई फैक्ट्री संचालक शामिल हैं। ईपीएफओ की डिफ्लॉटर सूची में सबसे उपर दुर्ग-भिलाई का बड़ा अस्पताल बीएसआर हॉस्पिटल है। इसने अपने कर्मचारियों के हिस्से का 6.66 करोड़ रुपये पीएफ ऑफिस में जमा नहीं कराया है।
EPFO Latest News, डिफॉल्टर संस्थान की लिस्ट में दूसरा स्थान आइडियास इंक प्राइवेट लिमिटेड है। आईटी सर्विस कंपनी ने अपने कर्मचारियों के 1.64 करोड़ से ज्यादा की राशि पीएफ ऑफिस में जमा नहीं कराई है। तीसरे स्थान पर किरोड़ीमल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी नाम का कॉलेज है। इसने अपने कर्मचारियों के हिस्से का 1.01 करोड़ रुपये जमा नहीं कराए हैं।
चौथे नंबर प्रतिभा फ्लॉकॉन इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड है, जिस पर 38 लाख रुपये से ज्यादा का बकाया है। डी वी प्रोजेक्ट, भिलाई बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड, असिया फेब्रीकेशन, कन्नेलाइट फैसिलिटी मैनेजमेंट सर्विस जैसी कंपनियां भी टॉप टेन डिफॉल्टर संस्थाओं की लिस्ट में शुमार हैं। जिनके ऊपर भी अपने कर्मचारियों के हिस्से के लाखों रुपये पीएफ ऑफिस में जमा नहीं करने के आरोप हैं।
Chhattisgarh Employees will get Rs 61 crore, रायपुर ईपीएफ ऑफिस के अधिकारी के मुताबिक, इन्ह संस्थाओं को कई बार वार्निंग लेटर जारी किया जा चुका है, इसके बाद भी इन्होंने राशि जमा नहीं कराई है। क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त, ईपीएफ रायपुर गौरव डोगरा ने बताया कि इसके बाद अब कार्रवाई शुरू की जाएगी। कार्रवाई के दौरान संस्थाओं के बैंक खाते सीज किए जाएंगे। इसके बाद भी पैसे जमा नहीं कराए गए तो इन संस्थाओं की संपत्तियां जब्त की जा सकती है। संस्थाओं के जिम्मेदार की गिरफ्तारी भी की जा सकती है।
ऐसे में अब माना जा रहा है कि EPFO की कार्रवाई से बचने के लिए ये संस्थान जल्द ही अपने कर्मचारियों के खाते में पैसे डाल सकते हैं। यदि ऐसा हुआ तो प्रदेश के 1,167 निजी संस्थानों में कार्यरत लाखों कर्मचारियों के खाते में 61 करोड़ से अधिक की राशि जमा हो सकती है।
50 डिफाल्टर संस्थाओं की लिस्ट आप नीचे देख सकते हैं —
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