‘अविश्वास’ का प्रहार..किसमें कितनी धार? चुनाव से पहले इस मूव के आखिर मायने क्या?
'अविश्वास' का प्रहार..किसमें कितनी धार? The attack of 'disbelief'..how much edge in which? What is the meaning of this move before elections?
रायपुर। चार दिवसीय मानसून सत्र के आखिरी दिन सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा जारी है। विपक्ष ने सरकार पर युवाओं और संविदा कर्मचारियों को धोखा देने समेत 109 आरोप लगाये हैं। अविश्वास प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत में विपक्ष ने सत्ताधारी कांग्रेस पर कई मोर्चों पर विफल बताया। हालांकि सदन में कांग्रेस ने बीजेपी नेताओं के सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायकों ने जय श्री राम के नारे भी लगाए। विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का हश्र क्या होगा। सदन में उसकी संख्या से समझा जा सकता है लेकिन चुनाव से पहले आखिर इस मूव के मायने क्या है। ये बड़ा सवाल है चर्चा करेंगे दोनों पक्षों से।
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बेशक बीजेपी के पास सदन में बहुमत नहीं है, लेकिन चुनाव से पहले विधानसभा के आखिर सत्र में उसने सरकार पर अविश्वास प्रस्ताव का प्रहार किया है। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने बकायदा सदन में 109 बिंदुओं पर आरोप पत्र रखा। विपक्ष ने आरोप लगाया कि भूपेश सरकार दिशाविहीन हो गई है। ये सरकार सिर्फ विज्ञापन की सरकार हैं, इनकी सच्चाई उजागर करने अविश्वास प्रस्ताव बड़ा अस्त्र है। हम सच बोल रहें, तो इन्हे मिर्ची लग रही। बीजेपी ने सरकार पर अविश्वास प्रस्ताव से प्रहार किया तो कांग्रेस ने उसे पूरी तरह खोखला बताया। साथ ही कहा कि बीजेपी का आरोप पत्र असत्य का पुलिंदा है। सत्तापक्ष ने BJP नेताओँ के हर वार का मुंहतोड़ जवाब भी दिया।
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कुल मिलाकर अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान पक्ष-विपक्ष में जमकर तीखी नोंकझोंक देखने को मिला। बहरहाल चुनाव से पहले अविश्वास प्रस्ताव राजनीतिक हथियार की तरह नज़र आ रहा है । सवाल है ये हथियार इस बार कितना घातक होगा..या फिर अविश्वास प्रस्ताव के नाम पर महज रस्म अदायगी होगी। विधानसभा के मानसून सत्र का आज आखिरी दिन। भाजपा ने सरकार के खिलाफ 109 बिंदुओं पर लाया आरोप पत्र । नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने आरोप पत्र सदन के पटल पर रखा। BJP के सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू। अध्यक्ष ने अनुरोध किया की चर्चा में व्यक्तिगत आरोप न करें । शिष्टता शालीनता का ख्याल रखें , बातें रिपीट न हो इसका ख्याल रखें। भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने की चर्चा शुरुआत।

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