Naxalites Press Note Released || Image- IBC24 News File
Naxalites Press Note Released: रायपुर: चार दशक से छत्तीगसढ़ के आदिवासी क्षेत्रों में काबिज नक्सलियों को पिछले दो वर्षों के भीतर बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। केंद्र और राज्य द्वारा संयुक्त रूप से समन्वयित माओवाद विरोधी अभियान के चलते बड़े पैमाने पर नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया। इसके अलावा बड़े संख्या में माओवादियों की गिरफ्तारियां भी हुई और ‘लोन वर्राटू” जैसे अभियान के तहत माओवादी ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण भी किया। नक्सलियों के खिलाफ मिली कामयाबी के आंकड़े पुलिस की ओर से निश्चित समयांतराल पर जारी किये जाते रहे है। केंद्र और राज्य सरकारों ने संकल्प लिया है कि, अगले साल यानी 2026 मार्च महीने के अंत तक छत्तीसगढ़ समेत सभी दूसरे नक्सल प्रभावित राज्यों से वामपंथ उग्रवाद को पूरी तरह ख़त्म कर दिया जाएगा।
बहरहाल इस बीच माओवादी संगठन ने लम्बे वक़्त के बाद कबूल किया है कि, पिछले दिनों उन्हें बड़े पैमाने पर नुकसान उठाना पड़ा है। पुलिस के साथ हुए मुठभेड़ में उन्होंने न सिर्फ अपने लड़ाकों को खोया बल्कि शीर्ष नेता भी मारे गए। इसके अलावा उनके लूटे गए हथियार और दूसरे संसाधन भी पुलिस के हाथ लग गए, जो उनके नुकसान का ही हिस्सा है। अब इस बारें में माओवादी संगठन की तरफ से प्रेसनोट जारी किया गया है। 24 पन्नों के इस पर्चे के साथ नक्सलियों ने एक बुकलेट भी जारी किया है।
Naxalites Press Note Released: नक्सलियों ने अपने प्रेसनोट में स्वीकार किया है कि, बीते एक वर्ष के भीतर उनके 3 सौ 57 नक्सली मारे गए है। मारे गए नक्सलियों में 1 सौ 36 महिला शामिल जबकि शेष पुरुष लड़ाके। नक्सलियों ने इस बात का भी खुलासा किया है कि, मारे गए नक्सलियों में उनके चार 4 सेंट्रल कमेटी मेम्बर और 15 राज्य कमेटी के सदस्य शामिल है। अपने पर्चे में माओवादियों ने बताया है कि, उनके नक्सल संगठन को सबसे बड़ा नुक़सान दण्डकारण्य में उठाना पड़ा है। यहाँ हुए मुठभेड़ में उनके 2 सौ 81 नक्सली मारे गए।
यह पूरा प्रेसनोट और बुकलेट डिवीजन कमेटी के बजाये सीधे केंद्रीय कमेटी की तरफ से जारी किया गया है। यह दोनों ही हिंदी के बजाये गोंडी और अंग्रेजी भाषा में जारी किया गया है। नक्सलियों ने यह भी बताया है कि, मारे गए साथियों की याद में नक्सली 28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीदी सप्ताह मनाया जाएगा।
इस बीच छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है। यहां नक्सलियों ने एक शिक्षा दूत को मौत के घाट उतार दिया है। इस घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल फ़ैल गया है। हालांकि अभी तक शिक्षा दूत की हत्या की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। फ़िलहाल अधिकारिक पुष्टि का इंतजार किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, यह पूरी घटना फरसेगढ़ थाना ईलाके के पीलूर गांव की है। यहां नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी के शक में शिक्षा दूत की हत्या कर दी है। इस घटना के बाद पूरे गांव में दहशत का माहौल बन गया है। ग्रामीणों में डर नजर आ रहा है। हालांकि अभी तक शिक्षा दूत की हत्या की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। फ़िलहाल अधिकारिक पुष्टि का इंतजार किया जा रहा है।