CG Ki Baat/ Image Credit: IBC24
रायपुर। CG Ki Baat: लंबे इंतजार के बाद बीजेपी सरकार ने निगमों- मंडलों में नियुक्तियों की सूची जारी कर दी। सूची आते ही गुणा-गणित लगाए जाने लगे, किसे लिया, किसे छोड़ा इनका असर क्या होगा, हिसाब लगाया गया कि चयन के पीछे कौन सी सोशल इंजीनियरिंग साधी गई। 36 लोगों की सूची के बाद असंतोष की चंद चिंगारियां भी दिखी जिन्हें बीजेपी के भीतर घमासान बताते हुए कांग्रेस ने फौरन आरोपों की झड़ी लगाई पर सवाल ये इस सूची से पार्टी के भीतर संतुलन ज्यादा आया या असंतोष वैसे विपक्ष तो अभी से कह चला है कि बीजेपी की असलियत दिखेगी, मंत्रीमंडल विस्तार तो होने दीजिए।
छत्तीसगढ़ में 2023 में साय सरकार बनने के बाद से अब तक मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा और अटकलों के कई दौर चले। बुधवार देर शाम सरकार ने निगम-मंडल और आयोग की लिस्ट जारी कर दी। पहली सूची में कुल 36 नेताओं के नाम हैं, जिसमें 4 महिलाएं, 32 पुरुष हैं। जातीय समीकरण की बात करें तो 15 OBC, 4 ST और 3 अल्पसंख्यक नेता हैं। नियुक्तियों के बाद सीएम साय नवनियुक्तों को बधाई दी तो पदाधिकारियों ने सीएम साय का आभार जताया, लेकिन इसी बीच कुछ नेता लिस्ट को लेकर नाराज नजर आए। असंतुष्ट और नाराज नेताओं में नेता और प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास हैं जिन्हें राज्य केश शिल्पी कल्याण बोर्ड में उपाध्यक्ष बनाया गया, उन्होंने फेसबुक पोस्ट कर लिखा मेरे कंधे, दी गई जिम्मेदारी को उठाने लायक नहीं हैं।
दूसरे हैं बृजमोहन अग्रवाल के करीबी रहे सुभाष तिवारी, जिन्होंने पोस्ट कर रिश्तों का हवाला दिया, अपना दर्द बयां किया। तीसरी पोस्ट आई रायपुर भाजपा मीडिया प्रभारी वंदना राठौर की, उन्होंने तंज कसते हुए पोस्ट में लिखा कार्यकर्ता कहीं के। हालांकि, असंतुष्ट नेताओं ने खुलकर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है, लेकिन विपक्ष ने इसे बीजेपी की असलियत बताते हुए कहा कि बीजेपी में कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का सुबूत है। वहीं पूर्व मंत्री शिव डहरिया सूची में सतनामियों की उपेक्षा का आरोप लगा रहे हैं।
CG Ki Baat: इधऱ, विपक्ष के हमले पर पटलवार किया मंत्री श्याम विहारी जायसवाल ने कहा कि, सरकार में सब ठीक है, कांग्रेस खुल की स्थिति संभाले। कुल मिलाकर 36 लोगों की सूची में नाराज नेताओं में केवल 3 लोगों के पोस्ट सामने हैं, कोई सार्वजनिक नाराजगी या बगावती बयान नहीं है। सरकार का दावा है कि निगम, मंडलों और बोर्ड के 36 पदों में, अध्यक्ष- उपाध्यक्ष की नियुक्ति कर संगठन- सरकार में संतुलन बैठाने की कोशिश है सबको संतुष्ट कर पाना मुमकिन नहीं है लेकिन पार्टी में कोई खिलाफत, बगावत जैसी चीज नहीं है। सवाल है क्या वाकई सब कुछ ठीक है, शांत है वैसे अब इंतजार है मंत्रीमंडल विस्तार का।