Vijay Sharma on Naxalites Surrender || Image- IBC24 News File
Vijay Sharma on Naxalites Surrender: रायपुर: बस्तर डिवीजन के बड़े नक्सली नेताओं समेत शुक्रवार को करीब 200 से ज्यादा माओवादियों ने अपने हथियार पुलिस को सौंपे और हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का संकल्प लिया। भारत के नक्सल इतिहास में यह पहला मौका था जब इतनी बड़ी संख्या में माओवादियों ने एक साथ आत्मसमर्पण किया था। सरकार और पुलिस के मुताबिक़ बढ़ते दबाव और आकर्षक पुनर्वास की नीति के चलते उन्हें यह कामयाबी मिली है। छोटे कैडर के नक्सली भी अब हिंसा से तंग आ चुके है और वह शांतिपूर्ण जीवन जीना चाहते है। लिहाजा शुक्रवार को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उप मुख्यमंत्री सह गृहमंत्री विजय शर्मा और डीजीपी अरुणदेव गौतम की मौजूदगी में सभी नक्सलियों को संविधान की प्रतियां सौंपी गई।
बहरहाल एक तरफ जहां इस कामयाबी से राज्य की साय सरकार गदगद है और प्रदेश को जल्द नक्सलमुक्त करने का दावा कर रही है तो दूसरी तरफ विपक्षी दल कांग्रेस सरकार के इन दावों पर गंभीर सवाल खड़ा कर रहें है।
कांग्रेस के इन सवालों और संदेह से गृहमंत्री विजय शर्मा भड़क उठें हैं। उन्होंने कहा है कि, कांग्रेस ने पूर्व में सर्जिकल स्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठाए थे। उसी तरह अब नक्सल मुद्दे पर गलत बयानबाजी कर रहे हैं। वह पूछना चाहते है कि, आखिर कानगर्वेस के नेता क्यों जवानों के शौर्य पर सवाल उठाते हैं? विजय शर्मा ने कहा कि, जो कोई भी सरकार के कार्रवाई के पक्ष में बात करेगा, वह उनका स्वागत करेंगे। इसी तरह पीसीसी प्रमुख दीपक बैज के दावों को लेकर कहा कि, जिन्हें नक्सालियों के आत्मसमर्पण को लेकर संदेह है, वह उन सभी 210 आत्मसमर्पित नक्सालियों का नाम पोस्ट कर रहें है। वह संबंधित को टैग भी करेंगे और नाम देख लेंगे।
Chhattisgarh Naxalites Surrender: शुक्रवार को बस्तर के जगदलपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में 208 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया था। इस दौरान उनके हाथों में भारतीय संविधान था और उन्हें मुख्यधारा में वापस लाने का स्वागत किया गया। अधिकारियों के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले समूह में 110 महिलाएँ और 98 पुरुष शामिल हैं, जो प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) संगठन के विभिन्न स्तरों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनमें एक केंद्रीय समिति सदस्य (सीसीएम), चार दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति (डीकेएसजेडसी) सदस्य, एक क्षेत्रीय समिति सदस्य, 21 संभागीय समिति सदस्य (डीवीसीएम), 61 क्षेत्रीय समिति सदस्य (एसीएम), 98 पार्टी सदस्य और 22 पीएलजीए/आरपीसी/अन्य कार्यकर्ता शामिल हैं।
हथियार डालने वाले शीर्ष माओवादी नेताओं में रूपेश उर्फ सतीश (केंद्रीय समिति सदस्य), भास्कर उर्फ राजमन मंडावी (डीकेएसजेडसी सदस्य), रनिता (डीकेएसजेडसी सदस्य), राजू सलाम (डीकेएसजेडसी सदस्य), धन्नू वेट्टी उर्फ संटू (डीकेएसजेडसी सदस्य) और रतन एलाम (क्षेत्रीय समिति सदस्य) शामिल थे।
अभियान के दौरान माओवादियों ने 153 हथियार सौंपे, जिनमें 19 एके-47 राइफलें, 17 एसएलआर राइफलें, 23 इंसास राइफलें, एक इंसास एलएमजी, 36 .303 राइफलें, चार कार्बाइन, 11 बीजीएल लांचर, 41 बारह बोर या सिंगल-शॉट बंदूकें और एक पिस्तौल शामिल हैं।