Narayanpur News: अबूझमाड़ की दुर्गम पहाड़ियों पर हो रहा सड़कों का निर्माण, ग्रामीणों को चेहरों पर छाई मुस्कान, युद्धस्तर पर जा रही है कार्य
Narayanpur News: नारायणपुर जिले में जंगलों को चीरती हुई ये सड़कें अब गांव को गांव से ही नहीं बल्कि अबूझमाड़ को पूरे देश से जोड़ रही हैं।
Narayanpur News/ Image Credit: IBC24
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत नारायणपुर जिले के अंदरूनी गांवो में हो रहा सड़कों का निर्माण।
- 22 में से 20 सड़कों पर युद्धस्तर पर कार्य जारी है।
- ये सड़कें अबूझमाड़ को पूरे देश से जोड़ रही हैं।
Narayanpur News: नारायणपुर: जंगलों को चीरती हुई ये सड़कें अब गांव को गांव से ही नहीं बल्कि अबूझमाड़ को पूरे देश से जोड़ रही हैं और इसका असर अब दिखाई भी दे रहा है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत नारायणपुर जिले के भीतरी अबूझमाड़ में, उन गाँवों तक सड़कें पहुँच रही हैं, जहाँ कभी सिर्फ पगडंडियाँ थीं। बच्चों को स्कूल जाते दिखाना, बुज़ुर्गों को इलाज के लिए बाहर ले जाते ग्रामीण, सुदूर गांवों में पहुँचती एम्बुलेंस सड़कें बन रहीं हैं, तो सरकार की योजनाएं भी अब गाँव तक पहुँच रही हैं। बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा अब कोई सपना नहीं, बल्कि सच्चाई बन रही है। सुरक्षा बलों की मौजूदगी और ज़िला प्रशासन की निगरानी में इन इलाकों में 22 में से 20 सड़कों पर युद्धस्तर पर कार्य चल रहा है।”
खुलेंगे व्यापार, परिवहन और विकास के नए रास्ते
Narayanpur News: वहीं नेशनल हाईवे NH-130D अब नारायणपुर से कोंडागांव को जोड़ने के साथ-साथ, महाराष्ट्र से भी इस जिले को सीधे जोड़ने वाला है। इससे व्यापार, परिवहन और विकास के नए रास्ते खुलेंगे। नारायणपुर से मरोदा मार्ग, जिसे लोक निर्माण विभाग लगातार आगे बढ़ा रहा है। यह मार्ग सीधे कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा, छोटे बेटियां और पखांजूर जैसे सीमावर्ती इलाकों को जोड़ेगा और दक्षिण बस्तर को महाराष्ट्र सीमा से जोड़ने में मदद करेगा।
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महाराष्ट्र की सीमा से जुड़ेगी दो सड़कें
Narayanpur News: अब नारायणपुर की दो सड़कें महाराष्ट्र की सीमा से जुड़ने वाली हैं। इसका असर केवल परिवहन नहीं, बल्कि स्थानीय व्यापार और रोज़गार पर भी पड़ेगा। इन सड़कों के पीछे एक और अहम पहल है – नियत निर्णय योजना इसके तहत हर सुरक्षा कैंप के 5 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों को विकास के हर पैमाने से जोड़ा जा रहा है। सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा और प्रशासनिक सेवाएँ अब हर सुविधा इन गांवों तक पहुंच रही है।” कभी डर का गढ़ माने जाने वाला अबूझमाड़ अब बदल रहा है। कैंप खुल रहे हैं, सड़कें बन रही हैं, और सबसे बढ़कर भरोसा लौट रहा है। नारायणपुर के बदलते दृश्य, सड़कों पर चलते ग्रामीण, खुश बच्चों के चेहरे, क्योंकि कहते हैं जहाँ सड़कें जाती हैं, वहाँ उम्मीदें लौटती हैं और अबूझमाड़ में ये उम्मीदें हर दिन और पक्की हो रही हैं।”
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