Vishnu Ka Sushasan. Image Source- IBC24
रायपुरः Vishnu Ka Sushasan छत्तीसगढ़ में साय सरकार के दो वर्ष पूरे होना केवल एक समयावधि का पूरा होना नहीं है, बल्कि यह सुशासन, जनविश्वास और विकास की एक सशक्त यात्रा का प्रतीक है। इन दो वर्षों में सरकार ने यह सिद्ध किया है कि यदि नेतृत्व स्पष्ट सोच, ईमानदार नीयत और जनकल्याण के प्रति प्रतिबद्ध हो, तो परिवर्तन संभव है। सरकार ने सत्ता को राजधानी की इमारतों तक सीमित न रखते हुए गांव, गरीब, किसान, युवा और आदिवासी समाज तक पहुँचाने का प्रयास किया। शासन की योजनाओं का उद्देश्य केवल घोषणा तक सीमित न होकर ज़मीनी स्तर पर प्रभाव डालना रहा। अपने दो सालों में साय सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं, जिससे प्रदेश में एक नई उम्मीद की रोशनी दिख रही है। साय सरकार एक ओर जहां नक्सलवाद को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है तो दूसरी ओर नियद नेल्लानार जैसी योजनाओं से नक्सल प्रभावित इलाकों का सर्वांगीण विकास कर रही है। Niyad Nellanar yojana
15 फरवरी 2024 को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के द्वारा घोषित इस नियद नेल्लानार योजना के तहत स्थानीय लोगों को सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए सुरक्षा कैंप खोले गए हैं और इन सुरक्षा कैंपों की पांच किमी की परिधि में आने वाले गांवों में सरकार की कल्याणकारी एवं विकास योकजनाओं के अंतर्गत मूलभूत संसाधन जैसे आवास, पानी बिजली,सड़क, स्कूल आदि सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। नियद नेल्लानार का मतलब है “आपका अच्छा गांव” या “योर गुड विलेज”। नियद नेल्लानार स्थानीय दंडामी बोली दक्षिण बस्तर में बोली जाने वाली है। योजना का मुख्य फोकस इन क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं के विकास पर है. इसका क्रियान्वयन विशेष रूप से वनांचल क्षेत्रों में किया जा रहा है, जहां विकास की गति अपेक्षाकृत धीमी रही है।
Vishnu Ka Sushasan नक्सलवाद खत्म करने के लिए विकास को सबसे महत्वपूर्ण घटक मानने वाली साय सरकार की यह योजना बस्तर के लिए बेहद किफायती साबित हो रही है। जिन इलाकों को नक्सली कमांडरों को ठिकाना माना जाता था, वहां तक सड़क पहुंच गई है। हिड़मा का गांव पूर्वती और लोहंडीगुड़ा विकासखण्ड अंतर्गत अतिसंवेदनशील बोदली में अब सड़क पहुंच गई है। इससे प्रशासनिक पहुंच भी अब वहां मजबूत हो गई है। स्वास्थ्य अमले के साथ-साथ प्रशासनिक अफसर भी सीधे मौके पर पहुंचकर मुआयना कर रहे हैं। साथ ही गांव में नवीन ग्राम पंचायत भवन, उप स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक शाला भवन तथा सडक़-पुलिया निर्माण कार्यों को पूर्ण कर लिया गया है। इन सभी सुविधाओं को गांव में ही पाकर यहां के ग्रामीणों ने राहत की सांस तो ली है साथ ही इसे विकास की मुख्यधारा से जुडऩे के लिए खासे उत्साहित हैं।
Niyad Nellanar yojana मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार द्वारा बस्तर अंचल के सुदूर वनांचल विशेषकर नक्सल प्रभावित गांवों में बुनियादी सुविधाएं और वनवासियों को सरकार की योजनाओं का बिना किसी व्यवधान के लाभ पहुंचाने के प्रयास सफल होने लगे है। शासन-प्रशासन के इन प्रयासों को सफल करने में नियद नेल्लानार योजना अहम रोल अदा कर रही है। नियद नेल्लानार की बदौलत अब नक्सल प्रभावित गांवों में शासकीय अमले की आमदरफ्त बढ़ी है। जिसके चलते वनवासियों का भरोसा बढ़ा है और अब वह सरकारी नुमाइदों से बेझिझक मेल-मुलाकात करने के साथ ही अपनी जरूरतों को बताने लगे हैं। बस्तर अंचल के बीजापुर जिले के कई गांव बीते दो दशकों से नक्सलवादी गतिविधियों के कारण विकास की मुख्यधारा से न सिर्फ कट गए थे, बल्कि बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित थे। माओवाद प्रभावित इन गांवों में सुरक्षा कैम्पों की स्थापना और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के विशेष प्रयासों से शुरू हुई नियद नेल्लानार योजना से ग्रामीणों में एक नया विश्वास जगा है।
CG News नियद नेल्लानार योजना से युवाओं को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। युवा पढ़ाई के साथ साथ अपनी पसंद के ट्रेडस में प्रशिक्षण लेकर आत्मनिर्भर बन रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन में युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए सार्थक प्रयास किया जा रहा है। बेहतर शिक्षा के साथ उनका कौशल उन्नयन किया जा रहा है। दंतेवाड़ा जिले में शासन की महत्वकांक्षी योजना ‘‘नियद नेल्लानार योजना‘‘ के तहत बासनपुर कैंप के अंतर्गत आने वाले ग्राम गामावाड़ा की 21 महिलाओं को आजीविका के नये संसाधनों से जोड़ने के लिए हथकरघा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना अंतर्गत लाइवलीहुड कॉलेज में 12 छात्र भी एसोसिएट, डेस्कटॉप, असिस्टेंट, हैंड एंब्रॉयडरी, टू व्हीलर सर्विस असिस्टेंट ट्रेड में प्रशिक्षण ले रहे हैं। ज्ञात हो कि ’’नियद नेल्लानार योजना‘‘ एवं प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना के तहत जिले के बेरोजगार युवक-युवतियों को हुनरमंद बनाने के तहत विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण सत्र चलाये जा रहे हैं। यह एक ऐसा अवसर है जिसमें बेरोजगार युवक-युवतियां किसी भी ट्रेड में प्रशिक्षण लेकर स्वावलंबी बन सकते है।