Chhattisgarh Liquor Scam: शराब घोटाले के आरोपी अरुणपति त्रिपाठी को SC जमानत, फिर भी रहेंगे जेल में, जानिए क्या है वजह

शराब घोटाले के आरोपी अरुणपति त्रिपाठी को SC जमानत, SC grants bail to liquor scam accused Arunpati Tripathi

Chhattisgarh Liquor Scam: शराब घोटाले के आरोपी अरुणपति त्रिपाठी को SC जमानत, फिर भी रहेंगे जेल में, जानिए क्या है वजह

Chhattisgarh Liquor Scam. Image Source-IBC24 Customize

Modified Date: February 12, 2025 / 01:46 pm IST
Published Date: February 12, 2025 1:21 pm IST
HIGHLIGHTS
  • अरुणपति त्रिपाठी को सुप्रीम कोर्ट से राहत
  • सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ दी जमानत
  • 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले का आरोप

रायपुर: Chhattishgarh News छत्तीसगढ़ में हुए कथित शराब घोटाले (Chhattisgarh Liquor Scam) के आरोपी अरुणपति त्रिपाठी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। SC ने शर्तों के साथ उन्हें जमानत दे दी है। ED की ओर दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें ये राहत मिली है। हालांकि उन्हें अभी जेल में ही रहना होगा। दरअसल, त्रिपाठी के खिलाफ EOW में अभी एक और मामला चल रहा है। इसी वजह से वह अभी जेल से बाहर नहीं आएंगे। पिछले 1 साल से ज्यादा समय से अरुणपति त्रिपाठी जेल में बंद है।

Read More : Bangladeshi Infiltrator In CG : रायपुर में रह रहे 3 बांग्लादेशी घुसपैठिए गिरफ्तार, आतंकी कनेक्शन का शक, पूछताछ में आरोपियों ने किया ये बड़ा खुलासा

Chhattishgarh News छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले की CBI जांच कर रही है। इससे पहले ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।

 ⁠

Read More : CG Nikay Chunav Voting 2025: ‘परिसीमन में गड़बड़ी और EVM में खराबी की वजह प्रभावित हुआ मतदान’, पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा ने चुनाव आयोग पर लगाया ये आरोप

झारखंड में भी शराब घोटाले का आरोप

त्रिपाठी फिलहाल जगदलपुर जेल में बंद हैं। अरुणपति के खिलाफ झारखंड में भी शराब घोटाले का आरोप है। त्रिपाठी के खिलाफ ED और EOW भी जांच कर रही है। अरुणपति त्रिपाठी भारतीय दूरसंचार सेवा के अधिकारी रहे हैं। उनके आबकारी विभाग में विशेष सचिव रहने के दौरान बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होने का दावा किया गया है।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।