रायगढ़। singer Nitin Dubey छत्तीसगढ़ में प्रतिभाओं की कमी नहीं है,आज यहाँ के युवा कलाकारों ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी कला के माध्यम से छत्तीसगढ़ को एक पहचान दिलाई है, ऐसे ही सुप्रसिद्ध कलाकार गायक एवं संगीतकार नितिन दुबे हैं जिन्होंने यूट्यूब और डिजिटल प्लेटफॉर्म में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। ऐसे ही सुप्रसिद्ध गायक गीतकार संगीतकार एवं अभिनेता नितिन दुबे आज किसी परिचय के मोहताज़ नहीं हैं। 3 जुलाई 1981 को रायगढ़ में जन्मे नितिन दुबे महज 7 साल की उम्र में 1988 में पहली बार एक बाल कलाकार के रूप में मंचीय प्रस्तुति दिए, लगभग 3 दशक से ज़्यादा समय से वो स्टेज परफॉर्मेंस देते आ रहे हैं,और 2001 में उन्होंने अपना पहला गीत “मनमोहिनी हे गांव के गोरिया” गाया था और तब से लेकर अब तक पिछले 2 दशक से अपनी कला के माध्यम से रायगढ़ और छत्तीसगढ़ का मान पूरे देश में बढ़ाया है और आज यूट्यूब पर छत्तीसगढ़ी गायकों में सबसे ज़्यादा सब्सक्राइबर और फैन फॉलोइंग वाले गायक हैं।
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singer Nitin Dubey उनके यूट्यूब चैनल पर लगभग 300 मिलियन व्यूवरशिप और 7.5 लाख सब्सक्राइबर्स हैं। “रायगढ़ वाला राजा”, “चँदा रे”, “हाय मोर चाँदनी”, “का तैं रूप निखारे चंदैनी”,”हाय रे मोर कोचईपान”, “हाय रे मोर मुनगाकाड़ी”,”गुलमोहर”,”दिल दे दे दुरुगवाली”,”हाय रे मोर नीलपरी” जैसे इनके कई सुपरहिट गीत हैं जो आज हर युवा की जुबां पर है। संगीत के क्षेत्र में इतने लंबे समय तक सफलता बरकरार रखना आज हर युवा के लिए एक प्रेरणा स्रोत है, नितिन दुबे के दो दशक के लंबी संगीत सेवा के लिए उन्हें केलो महोत्सव 2023 में “केलो धरोहर सम्मान” एवार्ड से सम्मानित किया गया।
Kelo Dharohar Samman यह सम्मान केलो उद्धार समिति रायगढ़ के द्वारा रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक और पूरे समिति के हाथों से नितिन दुबे को प्रदान किया गया। रायगढ़ में हर वर्ष केलो महाआरती का आयोजन 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन किया जाता है, लेकिन इस बार केलो महाआरती को पहली बार “केलो महोत्सव” का रूप प्रदान किया गया और इस महोत्सव में नितिन दुबे सुपरस्टार का आयोजन भी किया गया, जिसमे हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु केलो महाआरती में शामिल हुए और महाआरती के बाद अपने चहेते गायक नितिन दुबे के प्रोग्राम को देखने के लिए भीड़ और बढ़ती गई।
Kelo Dharohar Samman केलो नदी रायगढ़ में जीवन दायिनी माँ के रूप में मानी जाती हैं और नितिन ने केलो महोत्सव 2023 में खुद का लिखा और संगीतबद्ध किया गया गीत “जय होवय केलो महतारी दाई मोर, निर्मल बहे तोर धार दाई मोर, आरती गावय संसार” को लाइव प्रस्तुत किया जिसे सुनकर सभी श्रद्धालु झूम उठे, और केलो उद्धार समिति ने नितिन से इस गीत को रिकॉर्ड करने और वीडियो बनाकर लॉन्च करने का आग्रह किया जिसे नितिन दुबे ने स्वीकारते हुए बहुत जल्द इस गीत को अपने यूट्यूब चैनल नितिन दुबे ऑफीशियल पर लॉन्च करने का वादा किया। ये पहली बार था कि नितिन दुबे ने अपने किसी गीत को बिना रिलिज़ किए ही मंच पर लाइव प्रस्तुत किया। बता दें कि इस से पहले भी 2022 में नितिन दुबे को “छत्तीसगढ़ मेलोडी किंग” का सम्मान मिल चुका है और वर्ष 2009 में उन्हें “कला अनमोल रत्न” और 2008 में “माटी रत्न” से नवाज़ा जा चुका है।
नितिन दुबे ने छत्तीसगढ़ी लोक कला के साथ ही साथ भजन के क्षेत्र में भी बहुत सेवाएं दी हैं उनके हिंदी भजन मुम्बई से रिलिज़ हो चुके हैं और वो देश के अलग अलग राज्यों में भजनों की प्रस्तुति देते आ रहे हैं। साईं का सजदा,चलो शिरडी धाम, साँचा है एक तेरा ही दरबार माँ,भोले का जोगी जैसे उनके कई प्रसिद्ध भजन हैं और उनके गाए कई छत्तीसगढ़ी जसगीत और भजन चंदेसेनी अमरकथा, प्रथम वंदना,छत्तीसगढ़ के छत्तीस देवी,गौरी के लाला,मोर हिंदुस्तान,तोला सुमर सुमर के मनावंव रिलिज़ हो चुके हैं। नितिन ने कई बड़ी छत्तीसगढ़ी फिल्मों में भी गायन और संगीत दिया है, वर्ष 2022 में रिलिज़ फ़िल्म “मिस्टर मजनू” में नितिन ने गायन के साथ साथ संगीत भी दिया और छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े फ़िल्म निर्देशक सतीश जैन की सुपरहिट फिल्म “चल हट कोन्हों देख लिहि” में भी गीत गाए। बहुमुखी प्रतिभा के धनी गायक नितिन दुबे को उनके लंबे समय तक संगीत में सेवा देने के लिए “केलो धरोहर सम्मान” 2023 से सम्मानित किया गया।
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