Reported By: Tehseen Zaidi
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Raipur Police News: राजधानी रायपुर सहित पूरे छत्तीसगढ़ में बढ़ते साइबर फ्रॉड और बैंकों में संदिग्ध म्यूल खातों की संख्या में हो रही वृद्धि को देखते हुए रायपुर पुलिस ने सभी बैंकों के लीगल एडवाइजर्स और वरिष्ठ प्रबंधकों के साथ अहम बैठक की। इस बैठक की अध्यक्षता एसएसपी रायपुर डॉ. लाल उमेद सिंह ने की और इसमें रायपुर के सीएसपी आजाद चौक कोतवाली और सिविल लाइंस के अधिकारियों के साथ-साथ लीड बैंक मैनेजर और कई बैंकों के लीगल हेड मौजूद थे।
इस दौरान फ्रॉड रोकने और पीड़ितों को राहत दिलाने पर भी बात हुई, पुलिस ने कहा कि बैंक में खाता खुलवाते समय मोबाइल कॉल और मैसेज करके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर कर सत्यापन करें और बड़ी रकमों के लेनदेन वाले कार्पोरेट एकाउंट का संबंधित पते पर जाकर भौतिक सत्यापन किया जाए। खातों में अगर संदिग्ध लेनदेन दिखे तो इसकी सूचना पुलिस को तत्काल दी जाए, साथ ही एसएसपी रायपुर ने फ्रॉड हो जाने के बाद पीड़ित को मदद समेत पुलिस द्वारा बैंक से जानकारी मिलने में देरी पर भी आपत्ति जताई।
बैठक के दौरान पुलिस ने साइबर अपराधों में तेजी से हो रही बढ़ोतरी और फर्जी खातों के जरिए हो रही ठगी पर गहरी चिंता जताई है। अधिकारियों ने बताया कि कई बार पीड़ितों को उनकी रकम समय पर वापस नहीं मिलती जिसकी वजह बैंक और पुलिस के बीच समन्वय की कमी होती है। पुलिस ने गाइ़़डलाईन भी जारी की है।
बैठक में पुलिस द्वारा बैंकों को कई अहम गाइडलाइंस जारी की गईं:
Raipur Police News: एसएसपी ने कहा कि साइबर फ्रॉड के मामलों में पुलिस द्वारा मांगी गई जानकारी में देरी स्वीकार्य नहीं होगी। उन्होंने बैंकों को सुझाव दिया कि वो अपने लीगल डिपार्टमेंट के लिए एक स्थायी अधिकारी और नंबर तय करें ताकि ट्रांसफर की स्थिति में भी पीड़ितों को दिक्कत न हो।
पुलिस ने कहा कि अगर किसी खाते में फ्रॉड राशि ट्रांसफर हो जाती है तो डिस्ट्रिब्यूशन से पहले राशि को होल्ड करें ताकि उसे वापस कराया जा सके। डिमांड ड्राफ्ट और अन्य माध्यमों से होने वाले फ्रॉड को रोकने के लिए भी वेरिफिकेशन प्रक्रिया सख्त की जाए।