Raipur Police News: राजधानी समेत पूरे प्रदेश में साइबर फ्रॉड पर सख्ती… SSP ने ली बैंक प्रबंधकों की बैठक, दिए जरुरी दिशानिर्देश

रायपुर पुलिस और बैंकों की संयुक्त बैठक में बढ़ते साइबर फ्रॉड को लेकर बड़ा एक्शन प्लान तैयार किया गया। खातों का सत्यापन, फ्रॉड की तत्काल सूचना और पीड़ितों को राहत दिलाने जैसे अहम मुद्दों पर हुई चर्चा ने साइबर अपराध के खिलाफ नई दिशा तय की।

  • Reported By: Tehseen Zaidi

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  • Publish Date - October 7, 2025 / 12:26 PM IST,
    Updated On - October 7, 2025 / 12:27 PM IST

Image Source: ANI

HIGHLIGHTS
  • रायपुर में साइबर अपराध को रोकने पुलिस-बैंक लीगल टीम की संयुक्त बैठक।
  • खाता खोलते समय मोबाइल नंबर का तत्काल वेरिफिकेशन अनिवार्य।
  • फ्रॉड की राशि को ट्रांसफर से पहले होल्ड करने का निर्देश।

Raipur Police News: राजधानी रायपुर सहित पूरे छत्तीसगढ़ में बढ़ते साइबर फ्रॉड और बैंकों में संदिग्ध म्यूल खातों की संख्या में हो रही वृद्धि को देखते हुए रायपुर पुलिस ने सभी बैंकों के लीगल एडवाइजर्स और वरिष्ठ प्रबंधकों के साथ अहम बैठक की। इस बैठक की अध्यक्षता एसएसपी रायपुर डॉ. लाल उमेद सिंह ने की और इसमें रायपुर के सीएसपी आजाद चौक कोतवाली और सिविल लाइंस के अधिकारियों के साथ-साथ लीड बैंक मैनेजर और कई बैंकों के लीगल हेड मौजूद थे।

इस दौरान फ्रॉड रोकने और पीड़ितों को राहत दिलाने पर भी बात हुई, पुलिस ने कहा कि बैंक में खाता खुलवाते समय मोबाइल कॉल और मैसेज करके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर कर सत्यापन करें और बड़ी रकमों के लेनदेन वाले कार्पोरेट एकाउंट का संबंधित पते पर जाकर भौतिक सत्यापन किया जाए। खातों में अगर संदिग्ध लेनदेन दिखे तो इसकी सूचना पुलिस को तत्काल दी जाए, साथ ही एसएसपी रायपुर ने फ्रॉड हो जाने के बाद पीड़ित को मदद समेत पुलिस द्वारा बैंक से जानकारी मिलने में देरी पर भी आपत्ति जताई।

बढ़ते साइबर फ्रॉड पर चिंता

बैठक के दौरान पुलिस ने साइबर अपराधों में तेजी से हो रही बढ़ोतरी और फर्जी खातों के जरिए हो रही ठगी पर गहरी चिंता जताई है। अधिकारियों ने बताया कि कई बार पीड़ितों को उनकी रकम समय पर वापस नहीं मिलती जिसकी वजह बैंक और पुलिस के बीच समन्वय की कमी होती है। पुलिस ने गाइ़़डलाईन भी जारी की है।

दिशा-निर्देश और सुझाव

बैठक में पुलिस द्वारा बैंकों को कई अहम गाइडलाइंस जारी की गईं:

  • खाता खोलते समय ग्राहक के मोबाइल नंबर का कॉल या मैसेज द्वारा तत्काल सत्यापन अनिवार्य किया जाए।
  • बड़ी राशि वाले कॉर्पोरेट खातों का भौतिक सत्यापन संबंधित पते पर जाकर किया जाए।
  • अगर किसी खाते में संदिग्ध लेन-देन दिखाई दे, तो उसकी सूचना तत्काल पुलिस को दी जाए।
  • अगर कोई व्यक्ति बार-बार खाता खुलवाने आता है, तो उसकी पहचान कर पुलिस को सूचित करें।
  • फ्रॉड की स्थिति में टोल फ्री नंबर 1930 की जानकारी बैंक में चस्पा की जाए और पीड़ित को अन्य बैंक भेजने के बजाय वहीं मदद दी जाए।

बैंक और पुलिस समन्वय को लेकर सख्ती

Raipur Police News: एसएसपी ने कहा कि साइबर फ्रॉड के मामलों में पुलिस द्वारा मांगी गई जानकारी में देरी स्वीकार्य नहीं होगी। उन्होंने बैंकों को सुझाव दिया कि वो अपने लीगल डिपार्टमेंट के लिए एक स्थायी अधिकारी और नंबर तय करें ताकि ट्रांसफर की स्थिति में भी पीड़ितों को दिक्कत न हो।

फ्रॉड अमाउंट होल्ड करने पर फोकस

पुलिस ने कहा कि अगर किसी खाते में फ्रॉड राशि ट्रांसफर हो जाती है तो डिस्ट्रिब्यूशन से पहले राशि को होल्ड करें ताकि उसे वापस कराया जा सके। डिमांड ड्राफ्ट और अन्य माध्यमों से होने वाले फ्रॉड को रोकने के लिए भी वेरिफिकेशन प्रक्रिया सख्त की जाए।

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साइबर फ्रॉड के शिकार व्यक्ति को सबसे पहले क्या करना चाहिए?

पीड़ित को तुरंत 1930 टोल फ्री नंबर पर कॉल कर सूचना देनी चाहिए और निकटतम बैंक शाखा से संपर्क करना चाहिए।

बैंक खाते के संदिग्ध लेन-देन की सूचना कैसे दें?

संबंधित बैंक को तुरंत सूचना दें और पुलिस को भी ऑनलाइन या साइबर सेल के माध्यम से जानकारी दें।

क्या पुलिस अब सीधे बैंक से जानकारी मांग सकती है?

पुलिस ने निर्देश दिए हैं कि मांगी गई जानकारी तत्काल बैंक द्वारा दी जाए ताकि कार्रवाई में देरी न हो।