A school in Chhattisgarh, where students themselves become teachers and sweepers themselves!
सूरजपुर। प्रदेश के शिक्षा मंत्री प्रेम सिंह टेकाम का गृह जिला है, बावजूद इसके जिले के ज्यादातर स्कूलों में शिक्षा की स्थिति बदहाल है। जिला मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर स्थित पंपापुर गांव का प्राइमरी स्कूल, जहां बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग के द्वारा 4 शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी, लेकिन दो शिक्षकों कोई दूसरे स्कूल में अटैच कर दिया गया। बचे दो शिक्षकों में एक शिक्षक महोदय कभी-कभार ही स्कूल आ जाते हैं, जबकि दूसरे शिक्षक अक्सर नदारद ही रहते हैं।
शिक्षकों के स्कूल ना आने की स्थिति में बच्चे खुद ही पढ़ने को मजबूर हैं। इतना ही नहीं सुबह स्कूल खोलने और साफ-सफाई कराने की जिम्मेदारी भी खुद छात्र ही संभालते हैं। जिला शिक्षा विभाग के आला अधिकारी इस मामले से अनभिज्ञ है और अब मीडिया की दखल के बाद कार्रवाई की बात कह रहे हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या शिक्षा विभाग इन दोषी शिक्षकों पर कार्रवाई करता है या आगे भी बच्चे खुद ही पढ़ने के लिए मजबूर रहेंगे।
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