Government ration being allotted to dead people || सरगुजा राशन आबंटन में गड़बड़ी

Chhattisgarh Ration Card News: क्या मुर्दे खा रहे हैं सरकारी राशन? मृत लोगों के नाम पर राशन का उठाव.. इस जिले में PDS के नाम पर बड़ी गड़बड़ी

प्रशासन को इस दिशा में कठोर कदम उठाने की जरूरत है ताकि पीडीएस प्रणाली को पूरी तरह से पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बनाया जा सके।

Edited By :   |  

Reported By: Akanksha Soni

Modified Date: March 7, 2025 / 06:35 PM IST
,
Published Date: March 7, 2025 6:33 pm IST
HIGHLIGHTS
  • सरगुजा में मृतकों के नाम पर उठाया जा रहा राशन, पीडीएस प्रणाली में गड़बड़ी उजागर
  • केवाईसी अपडेट न होने से 4,000 मृतकों के नाम राशन कार्ड में, जांच के आदेश
  • पिछले तीन वर्षों में 28,000 मृतकों के नाम हटाए, अब भी सुधार की जरूरत

Government ration being allotted to dead people: सरगुजा: जिले में आम लोगों को जहां राशन के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है, वहीं चौंकाने वाली बात यह है कि यहां मृत लोगों के नाम पर भी राशन उठाया जा रहा है। यह मामला तब सामने आया जब जांच में पाया गया कि कई ऐसे लोग, जिनका निधन हो चुका है, उनके नाम अब भी राशन कार्ड में दर्ज हैं और उनके नाम पर हर महीने राशन लिया जा रहा है।

Read More: Korba Crime Latest News: कोरबा में नहीं थम रही वारदातें.. अब हुई डेढ़ लाख रुपए की उठाईगिरी, कार का शीशा तोड़ ले भागे बदमाश

सरगुजा जिले में करीब 14 प्रतिशत राशन कार्ड धारक ऐसे हैं, जिन्होंने अपना केवाईसी अपडेट नहीं कराया है। केवाईसी अपडेट न होने के कारण मृतकों के नाम राशन कार्ड में सालों तक दर्ज रहते हैं, जिससे विभाग को इस बारे में सही जानकारी नहीं मिल पाती। हालांकि, खाद्य विभाग इस समस्या के समाधान के लिए पिछले छह महीनों से गांव के सरपंचों और सचिवों से मृतकों के प्रमाण पत्र लेने की प्रक्रिया शुरू कर चुका है। इस आधार पर बीते तीन वर्षों में करीब 28,000 मृत लोगों के नाम राशन कार्ड से हटा दिए गए हैं।

Government ration being allotted to dead people: खाद्य विभाग के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में 28,000 मृतकों के नाम राशन कार्ड से हटा दिए गए हैं। लेकिन योजना एवं सांख्यिकी विभाग के अनुसार, इसी अवधि में 32,278 लोगों की मृत्यु पंजीकृत हुई है। इसका मतलब यह है कि अब भी लगभग 4,000 मृतकों के नाम राशन कार्ड में दर्ज हैं और उनके नाम पर हर महीने राशन उठाया जा रहा है। यह न केवल सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में व्याप्त गड़बड़ी को उजागर करता है, बल्कि शासन को भी आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचा रहा है।

सरकार पीडीएस प्रणाली को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण यह व्यवस्था प्रभावित हो रही है। वर्तमान में खाद्य विभाग 86 प्रतिशत केवाईसी अपडेट कर चुका है और शेष 14 प्रतिशत को अपडेट करने के लिए पंचायतों से मृतकों का सत्यापन करवा रहा है।

Read Also: Bank Loan Fraud in UP: 13 मुर्दों को SBI ने दिया 70 लाख का लोन, खाते से निकाले गए पैसे, ऐसे हुआ मामले का खुलासा

Government ration being allotted to dead people: अब सवाल यह उठता है कि इस अव्यवस्था को कैसे दूर किया जाए ताकि पात्र लोगों को सही तरीके से योजना का लाभ मिल सके। क्या सरकार सौ प्रतिशत केवाईसी अनिवार्य करेगी, या पंचायत स्तर पर मृत्यु प्रमाण पत्र की समय पर सूचना देने की प्रणाली विकसित की जाएगी? प्रशासन को इस दिशा में कठोर कदम उठाने की जरूरत है ताकि पीडीएस प्रणाली को पूरी तरह से पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बनाया जा सके।

सरगुजा में मृतकों के नाम पर राशन क्यों उठाया जा रहा है?

जिले में 14% राशन कार्ड धारकों ने केवाईसी अपडेट नहीं कराया है, जिससे मृतकों के नाम अब भी सूची में बने हुए हैं और उनके नाम पर राशन जारी किया जा रहा है।

खाद्य विभाग इस समस्या का समाधान कैसे कर रहा है?

विभाग गांव के सरपंचों और सचिवों से मृतकों के प्रमाण पत्र एकत्र कर रहा है। पिछले तीन वर्षों में 28,000 मृतकों के नाम राशन कार्ड से हटाए गए हैं।

क्या सभी मृतकों के नाम राशन कार्ड से हटा दिए गए हैं?

नहीं, योजना एवं सांख्यिकी विभाग के अनुसार अब भी लगभग 4,000 मृत लोगों के नाम राशन कार्ड में दर्ज हैं और उनके नाम पर राशन लिया जा रहा है।

क्या सरकार केवाईसी अपडेट को अनिवार्य करेगी?

सरकार पीडीएस प्रणाली को पारदर्शी बनाने के लिए प्रयासरत है और केवाईसी अपडेट को अनिवार्य करने या मृत्यु प्रमाण पत्र की रिपोर्टिंग प्रणाली विकसित करने पर विचार कर सकती है।

आम नागरिक इस समस्या की शिकायत कैसे कर सकते हैं?

यदि किसी को मृत व्यक्ति के नाम पर राशन जारी होने की जानकारी मिलती है, तो वे अपने क्षेत्र के खाद्य निरीक्षक, पंचायत सचिव, या जिला प्रशासन को सूचित कर सकते हैं।