Raipur Crime News: बाजारों से मोबाइल चोरी कर खातों से ऐसे पैसे निकालते थे ये शातिर, जानकर पुलिस के भी उड़े होश, 6 लोगों को किया गिरफ्तार
Raipur Crime News: बाजारों से मोबाइल चोरी कर खातों से ऐसे पैसे निकालते थे ये शातिर, जानकर पुलिस के भी उड़े होश, 6 लोगों को किया गिरफ्तार
Raipur Crime News | Photo Credit: IBC24
- मोबाइल चोरी कर ‘फॉरगॉट पासवर्ड’ फीचर से नए पासवर्ड बनाकर उड़ाते थे पैसे
- गैंग ने 10 से अधिक राज्यों में की ठगी, करोड़ों के ट्रांजैक्शन के मिले सबूत
- रायपुर पुलिस ने झारखंड गैंग के 6 सदस्यों को गिरफ्तार कर बड़ी कार्रवाई की
रायपुर: Raipur Crime News अगर आप सब्जी मंडी या बाजार जाते है तो ये खबर आपके लिए है। रायपुर पुलिस ने देश में पहली बार एक अलग तरह की ठगी का खुलासा किया है जो आपका मोबाइल चोरी कर उसके अंदर आपके ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम का पासवर्ड बिना जाने भी क्रेक कर आपके बैंक खाते में जमा आपकी खून-पसीने की कमाई कुछ ही देर में पार कर देता है। आइए जानते हैं लोगों को कैसे बनाते है ठगी का शिकार।
Raipur Crime News दरअसल, ये मामूली अपराधी से दिखने वाले झारखंड के साहेबगंज गैंग के वहीं 06 शातिर ठग है। जिन्होनें रायपुर के गुढियारी इलाके में सब्जी खरीदने गये। एफसीआई में पदस्थ ड्रायवर मुन्नालाल पटेल का मोबाइल चोरी कर उसका पासवर्ड और उसके अंदर का ऑनलाइन पेफोन और पेटीएम का पासवर्ड बिना जाने भी क्रेक कर 99 हजार रूपये उडा दिये थे।
मोबाईल फोन चोरी कर ऑनलाईन माध्यम से रकम निकालने की घटना को पुलिस के अधिकारियों ने गंभीरता से लेते हुए अज्ञात अरोपी की जल्द से जल्द पतासाजी कर गिरफ्तार करने के निर्देश दिये। जिसके बाद क्राइम ब्रांच और गुढ़ियारी थाना पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा घटना स्थल का निरीक्षण कर घटना के संबंध में प्रार्थी तथा आस-पास के लोगों से विस्तृत पूछताछ कर अज्ञात आरोपी की पतासाजी करना प्रारंभ किया। टीम के सदस्यों द्वारा घटना स्थल तथा उसके आस-पास लगे सी.सी.टी.व्ही. कैमरों के फुटेजों का अवलोकन करने के साथ-साथ प्रकरण में मुखबीर भी लगाये गये थे।
इसी दौरान पीड़ित के चोरी हुए मोबाईल फोन से ऑनलाईन फोन-पे के जरिये से जिस मोबाईल नम्बर एवं बैंक खातों में पैसों को स्थानांतरण किया गया था। उसके संबंध में भी जानकारी एकत्र कर अज्ञात आरोपी की चिन्हांकित करने का प्रयास किया जा रहा था। टीम के सदस्यों द्वारा सभी बैंक खाते एवं मोबाईल नम्बरों के संबंध में समस्त जानकारी एकत्रित की गई। जिसमें पाया गया कि फोन-पे के माध्यम से ट्रांसफर की गई रकम विभिन्न बैंक खातों से होते हुए ATM के माध्यम से कलकत्ता पश्चिम बंगाल में निकाला गया है। जिस पर टीम के सदस्यों द्वारा अंतिम बैंक खाता के धारक के संबंध में जानकारी प्राप्त की गई और बैंक खाता कोलकाता पश्चिम बंगाल निवासी मुकेश कुमार का होना पाया गया।
जिसके बाद 10 सदस्यीय टीम को कोलकाता पश्चिम बंगाल रवाना किया गया। टीम के सदस्यों द्वारा कोलकाता पश्चिम बंगाल पहुंच कर लगातार कैम्प कर मुकेश कुमार के बैंक खाता एवं बैंक खाता में रजिस्टर्ड मोबाईल नम्बर का उपयोग करने वाले शेख सुलेमान उर्फ राजन एवं अंकित शर्मा को पकड़ा गया और उनसे पूछताछ में टीम के सदस्यों को पश्चिम बंगला एवं साहेबगंज झारखण्ड के 01 गिरोह के संबंध में अहम जानकारी मिली, जो प्रार्थीयों के चोरी के मोबाईल फोन से उनके बैंक में जमा रकम को ऑनलाईन फोन-पे अथवा पेटीएम के जरिये विभिन्न बैंको में स्थानांतरित कर ATM से निकाल लिया करते थे। पुलिस टीम ने पश्चिम बंगाल एवं झारखण्ड में करीब 2 हफ्ते कैम्प कर मामले में शामिल गिरोह के अन्य 04 आरोपी यासीन कुरैशी, विकास महतो, पिन्टू मोहले एवं सागर मण्डल को पकड़ा गया।
पुलिस ने प.बंगाल और झारखंड से साहेबगंज के सभी 06 शातिर ठगो को रायपुर लाकर ठगी के तरीके के बारे में कड़ाई से पुछताछ की तो पुलिस के भी होश उड़ गये। शातिर ठगो ने बताया कि गिरोह 03 चरणों में कार्य करता था। जिसमें एक समूह द्वारा देश के कई राज्यों के बाजारों में प्रार्थियों के मोबाईल फोन चोरी किया जाता था, दूसरे समूह द्वारा प्रार्थियों के चोरी के मोबाईल फोन से रकम पश्चिम बंगाल में अपने साथियों के पास भेजा जाता था, जो पैसो को ATM से निकाल कर झारखण्ड भेजता था। जहां तीसरे समूह द्वारा पैसो को आपने साथियों को कमीशन काट कर दिया जाता था।
उन्होनें बताया कि ज्यादात्तर चोरी के मोबाइलों में मिले ऑनलाइन पेमेंट के साइट पर लॉक नहीं मिले जिससे आसानी से पैसे ट्रांसफर कर लिये जाते है, ठगो ने बताया कि मोबाइल का पासवर्ड अमुमन मोबाइल के स्क्रीन गार्ड पर एक निशान बन जाता है जिसको आसानी से देखकर खोल लिया जाता है। कई मोबाइल में ऑनलाइन पेमेंट साधनों का पासवर्ड मोबाइल धारी अपने मोबाइल में पासवर्ड को अपने फोनबुक में सेव करके रखते थे। जिसको जानकर पासवर्ड डालकर पैसे ट्रांसफर कर लेते थे।
इसके अलावा कई मोबाइलों के ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम का पासवर्ड फॉगेट पासवर्ड के जरिये नया पासवर्ड बनाकर क्रेक कर लेते थे। जिसका नया OTP उसी मोबाइल नंबर पर आता था और नया पासवर्ड बनाकर बैंक अकाउंट का पुरा पैसा आसानी से ट्रासफर कर लेते थे। पुलिस ने सभी आरोपियों के मोबाईल फोन एवं उनसे प्राप्त चोरी के मोबाईल फोन को चेक करने पर करोड़ों रूपये के ट्रांजैक्शन होने के सुबुत मिले है।
गिरफ्तार शातिर ठगों ने पुछताछ में खुलासा किया कि वो बिहार, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडू, गुजरात, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड मे भी इस तरह की वारदातों को अंजाम देकर ठगी की वारदातो को अंजाम दे चुके है।
पुलिस ने झारखंड साहेबगंज गैंग के 06 शातिर ठगों विकास महतो, यासीन कुरैशी, शेख सुलेमान उर्फ राजन समेत अंकित शर्मा,सोनू कुमार मंडल और पिंटू कुमार मोहले को गिरफ्तार कर इनके पास से 10 नग मोबाईल फोन, 1 लाख रूपये नगद समेत 10 नग ATM कार्ड जब्त किये है और इनके खिलाफ ठगी के अलावा संगठित अपराध की धारा बढ़ाकर कार्रवाई कर रही है।
आईबीसी-24 भी अपने सभी प्रदेशवासियों से खबर के जरिये सजग करता है कि अपने अहम पासवर्ड मोबाइल में न सेव करें और साथ ही अपने मोबाइल का पैटर्न लॉक भी समय समय पर बदलते रहे क्योंकि सावधानी में ही सुरक्षा है। फिलहाल पुलिस सभी शातिर ठगों को रिमांड पर लेकर पुछताछ में जुटी है और कई बडे खुलासा होने की उम्मीद जता रही है।

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