रायपुरः CG News चुनावी नतीजों के हिसाब से देश में इस वक्त कांग्रेस बुरे दौर में है। बिहार में वोट चोरी और SIR विरोध को मुद्दा बनाया पर काम ना आया। अब नक्सलवाद के खात्में की डेडलाइन करीब आने पर बीजेपी जहां इसे डबल इंजन सरकार की ऐतिहासिक उपलब्धि बताने में जुट चुकी है तो कांग्रेस प्रदेश में महंगी बिजली और धान खरीदी की खामियों को मुद्दा बनाकर सरकार का नाकाम ठहरा रही है। पर सवाल है प्रदेश के आदिवासियों का, बड़े ST वोट वर्ग का है, जिसे कांग्रेस अपने से किसी भी कीमत पर छिटकने देना नहीं चाहती। इसीलिए कांग्रेस अब मिशन बस्तर मोड में दिख रही है…तो क्या है कांग्रेस का बस्तर को लेकर प्लान, बस्तर, नक्सलवाद को लेकर कौन कन्फ्यूज और कौन भ्रम फैला रहा है?
छत्तीसगढ़ के विकास की सबसे बड़ी बाधा नक्सलवाद के खात्मे के बाद बस्तर समेत आदिवासी वर्ग को अपने साथ लाने के लिए अब किन मुद्दों को उठाया जाए। इस पर विपक्ष ने प्लानिंग शुरू कर दी है। अगले 2 दिन छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रभारी सचिन पायलट के साथ तीनों प्रभारी सचिव 26-27 नवंबर को बस्तर दौरे पर रहेंगे। 26 तारीख को धमतरी, कांकेर में कांग्रेस की SIR निगरानी समिति सदस्यों की बैठक लेंगे तो अगले दिन 27 नवंबर को प्रभारी जगदलपुर में एक बड़ी बैठक लेंगे। PCC चीफ दीपक बैज के साथ-साथ बस्तर समेत प्रदेश के बड़े नेता भी इसमें शामिल होंगे। कांग्रेस की इस कवायद पर बीजेपी ने तंज कसा, भाजपा विधायक पुरंदर मिश्रा के मुताबिक कांग्रेस अब SIR जैसे बहानों की आड़ में बस्तर में अपने भूले–बिसरे लोगों को सचेत करने जा रहे हैं। वहीं SIR को लेकर कांग्रेस की मुहिम पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने कहा कि भ्रम फैलाने वाली कांग्रेस ने हमेशा दोहरा बर्ताव किया है। बीजेपी के वार पर कांग्रेस नेताओं ने पलटवार किया।
CG News बिहार चुनाव में SIR और वोट चोरी पर पूरा जोर लगाने वाली कांग्रेस को अब तक ही सबसे करारी हार मिली। देश में अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले जारी SIR प्रक्रिया को लेकर कांग्रेस माहौल बनाने की रणनीति पर काम कर रही है। इधर, बस्तर में नक्सलवाद के सफाए पर बीजेपी के फुल क्रेडिट लेने पर कांग्रेस बार-बार दावा कर रही है कि भाजपा 15 साल के कार्यकाल में नक्सलवाद को खत्म नहीं कर पाई ये उनके पिछले कार्यकाल के दौरान कंट्रोल आना शुरू हुआ। कुल मिलाकर बस्तर में नक्सवाद के खात्मे के बाद बीजेपी के खाते में इसका पूरा क्रेडिट जाने से परेशान कांग्रेस इसका तोड़ निकालने रणनीति बना रही है। सवाल ये है कि क्या विपक्ष के इस एजेंडे में वाकई बस्तर या आमजन की कोई फिक्र है या अपने सियासी स्टेटस की चिंता है।